कपूर के पेड़ से पूजा की थाली तक का सफर जानें

       कपूर का उपयोग हर घर में होता है। कोई भी हिन्दू धर्म में ऐसा घर ना हो जिसके घर में कपूर ना हो। कपूर के बिना आपकी पूजा अधुरी रहती है। जी हां मैं आरती में उपयोग कपूर के बारे में कर रही, जिसे आप दुकान से ढेला या गोली शेप में खरीदते हैं। उससे हर पूजा में आरती उतारी जाती है भगवान की, उसका आयुर्वेद में भी उपयोग होता है।

      क्या आपको पता है ये कपूर कहां से आते हैं। शायद पता नहीं होगा कपूर पेड़ से आते हैं। जी हां आपने सही पढ़ा कपूर पेड़ पर रस के रूप में निकलते हैं, गोंद के रूप में जिससे कपूर बनाया जाता। आज हम इस पोस्ट में आपको कपूर के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। 



     कपूर मुख्यत: तीन तरह का होता है

    * चीनी या जापानी कपूर - 

      ये चीनी कपूर जापान, चीन, भारत के कुछ क्षेत्र जैसे नीलगिरी, देहरादून, मैसूर, सहारनपुर के एरिया में होता है। इसके पेड़ छोटे और पत्ते चमकदार होते हैं। इसके पत्तों पर गोंद जैसा रस निकलता है। इसमें बसंत पंचमी के समय सफेद सफेद फूल आते हैं जिसमें बहुत तेज गंध होता है। यह गुच्छे में होता है। पत्तों पर से रस निकाल कर जमा किया जाता है।

    * भीमसेनी या बरास कपूर- 
  
     भीमसेनी कपूर सुमाात्रा के जंगलों में एक पेड़ होता है। यह पेे़ड अपने आप जंगल में उगता है। इस पेड़ के कोटर में कपूर उगता है  जिसे खुरचर खुरच कर निकाला जाता है। कभी कभी पेे़ड का कोई छाल‌ या तना उखड़ जाााा जाता तो। उसके रस से धीरे-धीरे जमते जमते वो ढेला जैसा हो जाता उसे भीीसेन‌ कपूर कहते हैं।
हिदूस्तानी कपूर-

    यह भारत में पाए जाने वाले कंकरौधा वृक्ष से पाया जाता है। यह शाग जैसे पत््तते वाले पौधे होते हैं।

     एक कृत्रिम कपूर भी होता है ।
 
        * कपूर कैसे बनता है....

           कपूर का पेड़ 50-100 फीट तक ऊंचा हो सकता है। इसकी बड़ी ‌बड़ी पत्तियां सुंदर, चमकदार और उसके ऊपर मोम की एक परत होती है। इसके पेड़ की लकड़ी मजबूत होता है जिसका फर्नीचर बनाया जाता है। जो वृक्ष पुराना हो जाता है उसके लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े कर एक डब्बे में पानी के साथ आग पर देकर गर्म किया जाता है और जो भाप बनता उससे रवादार कपूर मिलता है। यहां से आप पूजा की थाली में उपयोग कर सकते हैं।

     कहीं कहीं कपूर के छाल को पानी में रखकर उसका छिलका उतारा जाता उसी क्रम में उससे तेल निकलता जिसे तारपीन का तेल कहते हैं।

     कपूर के फायदे....

     * कपूर को कफ दोष नाशक माना जाता है। अगर किसी को सर्दी खांसी है तो घी कपूर की  मालिश करें।

     * किसी प्रकार का खूजली हो शरीर में, फोड़ा फूंसी हो तो कपूर को चमेली के तेल और नींबू के रस में मिलाकर लगाएं ठीक हो जाएगा।

      * बाल‌ की हर समस्या जैसे खूजली, रूसी, बाल गिरना ‌सब के लिए कपूर नारियल तेल मिलाकर लगाएं।।

      * गठिया से परेशान हैं तो आधा लीटर तिल के तेल में 10 ग्राम कपूर मिला धूप में 3-4 दिन रखें, फिर उसे मालिश करें।

     * स्कीन प्रोब्लम हो जैसे दाना निकल रहा हो, लाल चकत्ते उभर गया हो तो नारियल कपूर लगाएं।

      * सर्दी से परेशान हो, सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो रूमाल में कपूर बांध सुंघते रहे। ये पहाड़ पर चढ़ाई कर रहे हैं तो भी काम आता है।

     * अगर कोई महिला अपने बच्चा को दूध ना पिला पा रही हो किसी कारण और छाती में दूध भरने से दर्द करता है तो पानी में कपूर घिस कर छाती में 3-4 बार लगाएं आराम मिलता है। 





      

        

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