4 नवंबर को पुरे भारत में दीवाली धुमधाम से मनाई जाएगी। दीवाली के दिन हम माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पूजा करते हैं। उनकी कृपा बरसेगी तो कभी अन्न धन की कमी नहीं होगी। उनको प्रसन्न करने के लिए तरह तरह के उपाय किए जाते हैं, ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहते हैं कि माता हमसे रुठ जाएं। इसलिए दिवाली पर इन बातों का ध्यान अवश्य रखें.......
दिवाली के दिन पुरा घर साफ सुथरा कर लें, घर का मुख्य द्वार भी पुरा साफ होना चाहिए। माता लक्ष्मी इसी द्वार से आपके घर में आएंगी तो थोड़ा इनको सजा लें। तोरण द्वार लटकाए, रंगोली बना लें। पुरा घर दिये से सजाना चाहिए। रंगोली नहीं बना सकते तो हल्दी पानी मिलाकर छिड़क दें।
घर पर खुद से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें। माता लक्ष्मी को कमल का फूल प्रिय है और गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। लड्डू भी इनका प्रिय है प्रसाद में यही भोग लगाएं।
दिवाली के दिन आसपास के किसी मंदिर में एक दिया जरुर जलाएं। एक दिया घर के मुख्य द्वार, एक दिया तुलसी के पास, एक दिया कचड़े के ढेर पर, एक दिया बाथरूम में, एक दिया पीपल के पेड़ के पास, पूजा रूम में तो अवश्य ही जलाएं। हो सके तो दिया गाय के घी का दीपक जलाएं।
दिवाली की साफ सफाई में घर के टुटे फुटे बर्तन, टुटे शीशे सब बाहर फैंक दें। इसके घर में रहने से नकारात्मकता आती है। माता लक्ष्मी इन सब को देखना पसंद नहीं करती या तो ठीक करा लें ना तब फेंक ही दें।
दिवाली की रात झुठा बर्तन बिल्कुल नहीं छोड़ना चाहिए।इस दिन माता लक्ष्मी घर आती है जहां गंदगी देखती है वहां उनका वास नहीं होता है।
इस दिन आधी रात तक जागना चाहिए। इसमें भगवान का नाम लें, जुआ खेलने का कोई धार्मिक रिवाज नहीं है, खेलें अगर तो बिना पैसे वाला बस इंजाय करने खेलें। सुबह सवेरे जग कर घर विस्तर सब साफ़ और सजा कर रखें।
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दिवाली के दिन पुरा घर साफ सुथरा कर लें, घर का मुख्य द्वार भी पुरा साफ होना चाहिए। माता लक्ष्मी इसी द्वार से आपके घर में आएंगी तो थोड़ा इनको सजा लें। तोरण द्वार लटकाए, रंगोली बना लें। पुरा घर दिये से सजाना चाहिए। रंगोली नहीं बना सकते तो हल्दी पानी मिलाकर छिड़क दें।
घर पर खुद से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें। माता लक्ष्मी को कमल का फूल प्रिय है और गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। लड्डू भी इनका प्रिय है प्रसाद में यही भोग लगाएं।
दिवाली के दिन आसपास के किसी मंदिर में एक दिया जरुर जलाएं। एक दिया घर के मुख्य द्वार, एक दिया तुलसी के पास, एक दिया कचड़े के ढेर पर, एक दिया बाथरूम में, एक दिया पीपल के पेड़ के पास, पूजा रूम में तो अवश्य ही जलाएं। हो सके तो दिया गाय के घी का दीपक जलाएं।
दिवाली की साफ सफाई में घर के टुटे फुटे बर्तन, टुटे शीशे सब बाहर फैंक दें। इसके घर में रहने से नकारात्मकता आती है। माता लक्ष्मी इन सब को देखना पसंद नहीं करती या तो ठीक करा लें ना तब फेंक ही दें।
दीवाली के दिन मुख्य द्वार पर जूता चप्पल बिल्कुल नहीं रखें। इन्हें छिपा कर कर कहीं और रख दें। इस दिन गेस्ट बहुत आते जाते हैं उनका जूता चप्पल भी मुख्य द्वार से अलग रखवा दें।
दिवाली की रात झुठा बर्तन बिल्कुल नहीं छोड़ना चाहिए।इस दिन माता लक्ष्मी घर आती है जहां गंदगी देखती है वहां उनका वास नहीं होता है।
इस दिन आधी रात तक जागना चाहिए। इसमें भगवान का नाम लें, जुआ खेलने का कोई धार्मिक रिवाज नहीं है, खेलें अगर तो बिना पैसे वाला बस इंजाय करने खेलें। सुबह सवेरे जग कर घर विस्तर सब साफ़ और सजा कर रखें।
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