क्यों करें हम नवरात्रि में माता की पूजा

      "क्यों करें हम नवरात्रि में माता की पूजा" जी हां आपको ये विषय जानकर लगा होगा कि हम पूजा का विरोध कर रहे या फिर नास्तिक हैं। लेकिन सच्चाई यही है हम क्यों करें माता कि पुजा इसलिए कि वो धन की लक्ष्मी है या फिर इसलिए कि माता हमारे घर में सुख-शांति बनाए रखें या फिर इसलिए कि सब करते हैं तो हम भी करें या फिर इसलिए कि ये हमें हमारा वंश बेटा ही हो ऐसा आशीर्वाद दें....


     हम नौ दिन माता की बहुत मन से पूजा करते, पुरे नौ दिन माता को उनके प्रिय भोग लगाते, उनकी पूजा में कोई त्रुटी ना हो इसका विशेष ध्यान रखते, नौवें ‌‌‌दिन कन्या पुजन के लिए मोहल्ले में बेटियां खोजते 9 कन्या की मुराद थी 5 ही मिली इसका आप बहुत अफसोस करते। बड़े दुखी हो ये भी कहते कि कैसे कैसे लोग हो गए बेटी को कोख में मरवा देते दुर्गा में भी पूजन के लिए बेटियां ना मिलती, लेकिन तभी मन के एक कोने से दबी जुबान में आवाज आती कि तुमने भी तो ना जाने कितने बेटियों को गर्भ में मार डाला।

    भारत में माता की पूजा करने का चलन बहुत पुराना है और बेटी, बहु, माता, बहन, पत्नी नारी के हर रुप को कुचलना उससे पुराना। एक हाथ मां सीता पर उठा तो राम थे उनके लिए, सुर्पनखा पर वार किए लक्ष्मण तो रावण भी खड़े हुए।  आज तो कोई भी खड़ा ना होता किसी के लिए।

    पहले कहते अज्ञानता के कारण लोग बेटी मार देते आज तो पढ़ा लिखा समाज, इतना हाइटेक मशीन तब जांच करवा लोग मार देते। घर में बेटी बहु पर अत्याचार लेकिन माता की पूजा करेंगे।क्यों कर हम ऐसी पूजा जहां हम बस मतलब के लिए पूजते तो क्या इससे माता खुश होती होगी कतई नहीं।

      हरियाणा जहां लिंगानुपात सबसे खराब है जहां बेटियों को सबसे ज्यादा मारा जाता वहां अगर एक भी कदम लड़कियों को बढ़ाने के लिए दिया जाता तो वो गोल्ड मेडल ही लाती। बेटियों को सिर्फ गर्भ में ही नहीं मारा जाता उनको बेटे की अपेक्षा कम खाना, कम देखभाल होता जिससे वो कुपोषण के शिकार हो जाते। बहुत जगह हादसों का नाम दे उनको मार दिया जाता। जब उन सब से बच के बड़ी हो भी जाती तो नोंच कर खाने वाले भेड़िए बहुत पड़े हैं समाज में।

    हमें अगर माता की पूजा करनी है तो पहले अपने घर से शुरुआत करें। अपनी घर में लड़कियों को सम्मान दें। उन्हें भी धरती पर जीने का मौका दें। बेटियों को भी जीने का हक है। उनको पढ़ाओ लिखाओ, उन्हें भी दुनिया में उन्मुक्त हो उड़ने‌ दो।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सिर्फ नारा‌ देने से ना होगा सबको सहयोग देना होगा सबसे बड़ी पूजा यही है।

   इस बार संकल्प करें सब मिल बेटियों की रक्षा करने का ना तब बंद कर दें नवरात्रि। जय माता दी....

    
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