बारिश का मौसम शुरू हो गया है। इस समय हम लोग सबसे ज्यादा बीमार होते हैं। कभी सर्दी खांसी या स्कीन संबंधित बीमारी हो सकती है। ऐसे में खुद को कैसे फिट रखे ये पता होना चाहिए। ये जुलाई से सितंबर तक का समय बहुत senstisen होता है। हल्का भी इधर उधर होने पर बीमार हो जाते। इस समय रुक रुक कर बरसात होती है, पुरे वातावरण में नमी रहती है।
गर्मी भी उम्मस और चिपचिपी रहती है। बरसात होने पर कुछ देर मौसम ठंडा होता फिर गर्म जो बिमारी लाती है। इस समय वायरस इंफेक्शन बहुत होता। जैसे खुजली, फोड़े, घाव इस सबसे बचने के लिए बहुत एतिहात करना चाहिए।
बरसात का मौसम रोमांटिक माहौल बना देता है। मन करता कि इस बारिश का खुब मजा ले। आप तो मजे लेने के लिए तैयार रहते ही हैं वायरस भी उस समय आपके मजे किरकिरा करने के लिए तैयार रहते हैं। बारिश में नहाने के तुरंत बाद आप पुरी तरह अगर अपने आप को सुखा ना लेते हैं तो मत नहाएं। क्योंकि इस गीले बालों और कपड़े में तबीयत जल्दी खराब होने का डर रहता। आप गर्मी से परेशान नहाना ही चाह रहे तो बाथरूम में जाकर नहा लें, शावर भी बारिश का एहसास देगा।
बारिश में हर जगह पानी जमा होने या कचड़ा से बहुत सारे जर्म हो जाते। तो हमारे नलों का पानी भी सुरक्षित नहीं है। अगर फिल्टर युज कर रहे तो ठीक है ना तब बिना पानी उबाले ना पीएं। पानी उबालकर रख लें उसे 24 घंटे के अंदर पी जाएं। ना तब फिर उसमें जर्म अटैक हो सकता।
बारिश में तला भुना खाना बहुत पसंद आता है। इससे बचना चाहिए। इस मौसम में हम लोग पानी कम कर देते हैं जिस कारण हमारा पेट तले भुने खाने को पचाने में थोड़ा दिक्कत करता। जिस कारण दस्त,उल्टी होने लगता है। डिहाइड्रेशन हो सकता, तो खाने पीने में परहेज करें। बिल्कुल बंद ना करें तो बारिश का मजा क्या आएगा। इसलिए थोड़ा खाएं।
इस मौसम में खुद को साफ सुथरा रखना चाहिए। बिना सेनेटरी नेपकिन के नहीं निकले। खाने पीने की कोई चीज बिना सेनेटाइजर से हाथ धोए ना छुएं। घर में गीला कपड़ा या पानी कहीं ना जमा हो इस बात का ध्यान रखें। घर में धुप आ सकता है तो कुछ देर के लिए सारे खिड़की खोल दें। खुद भी कुछ देर धूप में बैठे जिससे जर्म सब नष्ट हो जाते हैं।
रोज रात को सोते समय दूध हल्दी का सेवन करें। हल्की सी बुखार तो पैरासिटामोल ले सकते हैं ना तब डॉ से संपर्क करें। ना तब यही बुखार आपको 4-5 दिन के लिए बेड पर ला सकता है। मच्छरदानी का प्रयोग करें। कीटनाशक हर कोने में मार दे ना तब कोकरोच, मच्छर का आक्रमण बढ़ सकता है।
गर्मी भी उम्मस और चिपचिपी रहती है। बरसात होने पर कुछ देर मौसम ठंडा होता फिर गर्म जो बिमारी लाती है। इस समय वायरस इंफेक्शन बहुत होता। जैसे खुजली, फोड़े, घाव इस सबसे बचने के लिए बहुत एतिहात करना चाहिए।
बरसात का मौसम रोमांटिक माहौल बना देता है। मन करता कि इस बारिश का खुब मजा ले। आप तो मजे लेने के लिए तैयार रहते ही हैं वायरस भी उस समय आपके मजे किरकिरा करने के लिए तैयार रहते हैं। बारिश में नहाने के तुरंत बाद आप पुरी तरह अगर अपने आप को सुखा ना लेते हैं तो मत नहाएं। क्योंकि इस गीले बालों और कपड़े में तबीयत जल्दी खराब होने का डर रहता। आप गर्मी से परेशान नहाना ही चाह रहे तो बाथरूम में जाकर नहा लें, शावर भी बारिश का एहसास देगा।
बारिश में हर जगह पानी जमा होने या कचड़ा से बहुत सारे जर्म हो जाते। तो हमारे नलों का पानी भी सुरक्षित नहीं है। अगर फिल्टर युज कर रहे तो ठीक है ना तब बिना पानी उबाले ना पीएं। पानी उबालकर रख लें उसे 24 घंटे के अंदर पी जाएं। ना तब फिर उसमें जर्म अटैक हो सकता।
बारिश में तला भुना खाना बहुत पसंद आता है। इससे बचना चाहिए। इस मौसम में हम लोग पानी कम कर देते हैं जिस कारण हमारा पेट तले भुने खाने को पचाने में थोड़ा दिक्कत करता। जिस कारण दस्त,उल्टी होने लगता है। डिहाइड्रेशन हो सकता, तो खाने पीने में परहेज करें। बिल्कुल बंद ना करें तो बारिश का मजा क्या आएगा। इसलिए थोड़ा खाएं।
इस मौसम में खुद को साफ सुथरा रखना चाहिए। बिना सेनेटरी नेपकिन के नहीं निकले। खाने पीने की कोई चीज बिना सेनेटाइजर से हाथ धोए ना छुएं। घर में गीला कपड़ा या पानी कहीं ना जमा हो इस बात का ध्यान रखें। घर में धुप आ सकता है तो कुछ देर के लिए सारे खिड़की खोल दें। खुद भी कुछ देर धूप में बैठे जिससे जर्म सब नष्ट हो जाते हैं।
रोज रात को सोते समय दूध हल्दी का सेवन करें। हल्की सी बुखार तो पैरासिटामोल ले सकते हैं ना तब डॉ से संपर्क करें। ना तब यही बुखार आपको 4-5 दिन के लिए बेड पर ला सकता है। मच्छरदानी का प्रयोग करें। कीटनाशक हर कोने में मार दे ना तब कोकरोच, मच्छर का आक्रमण बढ़ सकता है।
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