आदर्श_चुनाव_आचार_संहिता रविवार की शाम से लागू हो गया है। 10 मार्च को लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही पुरे देश में आचार संहिता लागू हो गया। चुनाव की घोषणा होते ही यह खुद ब खुद लागु हो जाता है। इसमें कुछ खास नियम होते हैं जिन्हें पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई भी की जाती है। यह चुनाव घोषणा से चुनाव परिणाम तक लागू रहता है। आइए विस्तार से जानें...
आचार संहिता ( Code of conduct) क्या है..
चुनाव आयोग के वे निर्देश जिसका पालन चुनाव घोषणा से चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। जो कोई इस नियम का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है,उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उसके खिलाफ F.I.R दर्ज कर उसे जेल भी भेज सकती है।
आचार संहिता के नियम..
आचार संहिता में सरकार/ सार्वजनिक के पैसे से कोई ऐसा काम नहीं कर सकते जिससे किसी पार्टी या उम्मीदवार को फायदा हो।
चुनाव प्रचार के लिए सरकार की गाड़ी, हवाई जहाज, घर किसी भी सरकारी चीज का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
किसी भी तरह की राजनीतिक रैली या सभा के लिए पुलिस से आदेश लिए बिना नहीं कर सकते हैं।
आचार संहिता लागू होने के बाद सभी तरह के सरकारी घोषणा, शिलान्यास, भूमिपूजन या उद्घाटन नहीं किए जा सकते हैं।
चुनाव आयोग की पैनी नजर हर पार्टी और हर चुनावी कार्यक्रम पर रहती है।
कोई भी पार्टी जाति, धर्म, समुदाय पर वोट नहीं मांग सकती है। या कोई ऐसी बात नहीं कर सकती है जिससे किसी धर्म समुदाय के बीच नफरत फैलें।
आचार संहिता में सिर्फ राजनीतिक पार्टी नहीं आते आम जनता भी आती है। मतदाता केवल खुद का वोट देंगे।
मतदाता मतदान केंद्र पर वोटर स्लिप के अलावा पहचान पत्र या कोई सरकारी कागजात ले जाये जिसपर उनका नाम हो।
मतदान के 24 घंटे के भीतर पैसा, शराब, या किसी चीज के प्रलोभन ना दिया जाय।
मतदान केन्द्र पर हर पार्टी अपना कैंप लगाती है वहां भीड़ बिल्कुल नहीं करें। ना तब पुलिस को किसी को भी अरेस्ट करने का पुरा अधिकार है।
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