14 फरवरी का दिन हम लोगों के लिए बहुत दुख का दिन रहा।इस दिन हमारे देश के 40 जवान शहीद हो गए। हमारे
अपने ही कुछ कायर देशवासी पाकिस्तान के तलवे चाटना पसंद करते हैं। चंद पैसों के लिए अपना इमान बेच कर, अपने ही भाइयों का बलि चढ़ा देते हैं। उन कायरों को पता ही नहीं सांप को कितना भी दुध पीला दो वो जहर ही निकालते।आज ये जवान कश्मीर में उन्ही की रक्षा करते और वो लोग उन्ही जवानों पर हमले करते।
जब बाढ़ में यही जवान उनकी मदद कर रहे थे तब क्यों नहीं , जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर-ए-तैयबा आया इनको बचाने। जब इन्ही के बच्चों को मार देते तब क्यों नहीं ये उनका तलवा चाटते..इनका तो बस अब एक ही उपाय है ..चुन चुन कर मारे..प्यार से बहुत समझा लिया अब मार से समझाने की बारी है।कुछ लोग लातों के भूत ☠️ होते , बातों से कहा मानते..
पुलवामा अटैक में शहीद जवान
शहीद होने वाले में उत्तर प्रदेश के ज्यादा जवान है..
अवधेश कुमार यादव मुगलसराय के चंदौली के बहादुरपुर से हैं।
पंकज कुमार त्रिपाठी महाराज गंज से हैं
देवरिया के भटनी के जयदेव छपिया से विजय कुमार मौर्य
रायपुर शामली के अमित कुमार
मैनपुरी के विनायकपुर से रामवकील
प्रदीप कुमार शामली के बनत से
रमेश यादव वाराणसी के तोफापुर से
कौशल कुमार आगरा के केहराई रावत से
प्रदीप सिंह कन्नौज अजान से
कानपुर देहात रायगवान के श्याम बाबू
उन्नाव लोकनगर के अजीत कुमार आजाद
उत्तराखंड
वीरेंद्र सिंह,उधम सिंह नगर के मोहम्मदपुर भूरिया के
उत़्तरकाशी के मोहन लाल बनकोट
पंजाब
आनंदपुर साहिब के औली से कुलविंदर सिंह
मोगा धर्मकोट के जयमल सिंह
सुखजिंदर सिंह पट्टी तरनतारन से
मनिंदर सिंह आर्य नगर दीनानगर गुरुदासपुर से
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र बुलडाना से नितीन शिवाजी राठौड़
बुलढाणा लखानी के संजय राजपूत
झारखंड गुमला के विजय सोरांग
असम से मानेश्वर बासुमतारी के तामुलपुर बस्का से
जम्मू-कश्मीर के रजौरी डोडासान के नसीर अहमद
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जावली से तिलकराज
केरल वायनाड वायाथीरी के बसंत कुमार
तमिलनाडु के तुतीकोरीन सबलपेरी के जी सुब्रह्मण्यम
तमिलनाडु के अरियालुर कारगुडी से शिवचंद्र सी
कर्नाटक के मंड्या डोडी के गुरु एच
ओडिशा कटक रतनपुर के मनोज कुमार बेहरा
पश्चिम बंगाल नदिया हंसपुकरिया के सुदीप विश्वास
मध्य प्रदेश जबलपुर के कुदावाल के अश्विनी कुमार काछी
अपने ही कुछ कायर देशवासी पाकिस्तान के तलवे चाटना पसंद करते हैं। चंद पैसों के लिए अपना इमान बेच कर, अपने ही भाइयों का बलि चढ़ा देते हैं। उन कायरों को पता ही नहीं सांप को कितना भी दुध पीला दो वो जहर ही निकालते।आज ये जवान कश्मीर में उन्ही की रक्षा करते और वो लोग उन्ही जवानों पर हमले करते।
जब बाढ़ में यही जवान उनकी मदद कर रहे थे तब क्यों नहीं , जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर-ए-तैयबा आया इनको बचाने। जब इन्ही के बच्चों को मार देते तब क्यों नहीं ये उनका तलवा चाटते..इनका तो बस अब एक ही उपाय है ..चुन चुन कर मारे..प्यार से बहुत समझा लिया अब मार से समझाने की बारी है।कुछ लोग लातों के भूत ☠️ होते , बातों से कहा मानते..
पुलवामा अटैक में शहीद जवान
बिहार के दो जवान शहीद हुए। एक भागलपुर के रतन कुमार ठाकुर और पटना जिले के तारेगना डिह के संजय कुमार सिन्हा थे। संजय कुमार सिन्हा जी तो अभी एक महीना की छुट्टी के बाद ड्युटी ज्वाइन की थी। उनके ऊपर बेटी की शादी की जिम्मेदारी थी,कह कर गये थे अबकि छुट्टी में बिटिया की शादी कर देंगे। लेकिन उन ©¢$€$ पाकिस्तानियों को कभी खुशी नशीब नहीं हो।
दुसरे जो रतन कुमार उनका 4 साल का बेटा है और पत्नी राजनंदिनी फिर मां बनने वाली हैं। उस बेचारी पर क्या बीत रही होगी। जो बच्चा दुनिया में आया नहीं उससे पहले उसके सर पर से उसके पापा का साया उठ गया।
राजस्थान से 4 जवान शहीद- एक कोटा के सांगोद के विनोद कलां गांव के हेमराज मीणा जो फिर आके सबके साथ फिर से घुमने जाने के वादे के साथ हमेशा के लिए😭😭
जयपुर की शाहपुरा के गोबिंदपुरा बांसरी के रहने वाले रोहिताश अपने बेटे के जन्म पर घर आये थे।एक जनवरी को ड्यूटी ज्वाइन किए थे। सबा दो महीने का बेटा ध्रुव है।
राजाखेड़ा के जैतपुर गांव के भागीरथ कंषाना को एक बेटा और एक बेटी था। अभी 4 साल पहले ही तो उनकी शादी हुई थी। एक महीने की छुट्टी के बाद अगली बार फिर आने का वादा कर..
राजसमंद जिले के बिनोल गांव के नारायण गुर्जर 12 फरवरी को छुट्टी से वापस गये ही थे।
भरतपुर के सुन्दरावली गांव के जवान जीतराम अभी छुट्टियां मना कर वापस गये थे।
शहीद होने वाले में उत्तर प्रदेश के ज्यादा जवान है..
अवधेश कुमार यादव मुगलसराय के चंदौली के बहादुरपुर से हैं।
पंकज कुमार त्रिपाठी महाराज गंज से हैं
देवरिया के भटनी के जयदेव छपिया से विजय कुमार मौर्य
रायपुर शामली के अमित कुमार
मैनपुरी के विनायकपुर से रामवकील
प्रदीप कुमार शामली के बनत से
रमेश यादव वाराणसी के तोफापुर से
कौशल कुमार आगरा के केहराई रावत से
प्रदीप सिंह कन्नौज अजान से
कानपुर देहात रायगवान के श्याम बाबू
उन्नाव लोकनगर के अजीत कुमार आजाद
उत्तराखंड
वीरेंद्र सिंह,उधम सिंह नगर के मोहम्मदपुर भूरिया के
उत़्तरकाशी के मोहन लाल बनकोट
पंजाब
आनंदपुर साहिब के औली से कुलविंदर सिंह
मोगा धर्मकोट के जयमल सिंह
सुखजिंदर सिंह पट्टी तरनतारन से
मनिंदर सिंह आर्य नगर दीनानगर गुरुदासपुर से
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र बुलडाना से नितीन शिवाजी राठौड़
बुलढाणा लखानी के संजय राजपूत
झारखंड गुमला के विजय सोरांग
असम से मानेश्वर बासुमतारी के तामुलपुर बस्का से
जम्मू-कश्मीर के रजौरी डोडासान के नसीर अहमद
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जावली से तिलकराज
केरल वायनाड वायाथीरी के बसंत कुमार
तमिलनाडु के तुतीकोरीन सबलपेरी के जी सुब्रह्मण्यम
तमिलनाडु के अरियालुर कारगुडी से शिवचंद्र सी
कर्नाटक के मंड्या डोडी के गुरु एच
ओडिशा कटक रतनपुर के मनोज कुमार बेहरा
पश्चिम बंगाल नदिया हंसपुकरिया के सुदीप विश्वास
मध्य प्रदेश जबलपुर के कुदावाल के अश्विनी कुमार काछी
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