देवों के देव महादेव का दिन महाशिवरात्रि आने वाली है। हर शिव मंदिर में तैयारी चल रही है। मेरे यहां भी तैयारी जोरों पर है। देवघर का तो शिव बारात देखने के लिए लंबी लाइन लगी रहती है। यहां बारात में हाथी, घोड़े, गाजे-बाजे बहुत ही सुन्दर बारात निकलती है। वैसे तो हर महीने में एक बार शिवरात्रि हर त्रयोदशी तिथि को होती है। लेकिन साल में दो शिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है । पहली फाल्गुन महीने की त्रयोदशी तिथि को महाशिवरात्रि और दुसरी सावन महीने की त्रयोदशी बहुत महत्वपूर्ण होती है।
इस बार 4 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।इस बार तो सोमवार को शिवरात्रि पर रहा जो कि शिव जी को भी प्रिय है। शिवरात्रि को कालरात्रि भी कहा जाता है। शिव पुराण के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात्रि को भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले लिंग के रूप में प्रकट हुए थे।
इस बार 4 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।इस बार तो सोमवार को शिवरात्रि पर रहा जो कि शिव जी को भी प्रिय है। शिवरात्रि को कालरात्रि भी कहा जाता है। शिव पुराण के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात्रि को भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले लिंग के रूप में प्रकट हुए थे।
महाशिवरात्रि का महत्व
माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि त्रयोदशी तिथि और चतुर्दशी मिला हो उस दिन मनाई जानी चाहिए। इस दिन व्रत रखने से कई गुना ज्यादा पुण्य मिलता है। इस दिन अगर कुछ खास चीजें भगवान को चढ़ाया जाता तो भगवान भोलेनाथ मनचाहा वरदान देते हैं।
महाशिवरात्रि पर पूजा कैसे करें
महाशिवरात्रि पर्व पर गंगा स्नान और उपवास का महत्व है।इस हो सके तो गंगा स्नान कर गंगा जल भर लें। किसी शिव मंदिर में गंगा जल अवश्य चढ़ाएं। गंगा स्नान का मौका नहीं मिला तो नहा कर गंगा जल छिड़क लें..अब शिवलिंग पर गंगाजल,अक्षत,दूध, दही,शहद, काला तिल, से भगवान शिव का अभिषेक करें।
अभिषेक के बाद भगवान पर बेलपत्र, भांग, धतुरा,आक का फुल और जनेउ चढ़ाएं।फिर केसर से तिलक करें। सफेद फूल की माला चढ़ाएं। भगवान को दीया दिखा कर " ऊं नम: शिवाय" का जाप करें।
महाशिवरात्रि पर किस कामना के लिए क्या करें..
शिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है।हम आपको बता रहे हैं कि किस कामना के लिए भगवान का किस चीज से अभिषेक करें। जिससे आपकी मनोकामना पूरी होगी...
गंगाजल से अभिषेक करने पर सौभाग्य की वृद्धि होती है। गाय के दूध से गृह शांति तथा गाय के दूध में शक्कर मिलाकर अभिषेक करने से बुद्धि प्राप्ति होती है। सरसों के तेल से शत्रु का नाश होता है। शिव सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करते हुए घी से अभिषेक करने पर वंश वृद्धि ,गन्ने के रस से लक्ष्मी प्राप्ति ,पंचामृत से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। शहद से ऐश्वर्य मिलता है।दही से अभिषेक करने पर भवन, वाहन और कुश से बीमारी से मुक्ति मिलती है।
चमेली का फूल चढान से वाहन सुख मिलता है।कमल के फूल से धन- दौलत, बेला फूल से योग्य वर-वधू, धतुरे का लाल फूल से संतान प्राप्ति, मानसिक तनाव के लिए शेफालिका का फूल, जूही के फूल चढ़ाने से अन्न धन की कमी नहीं होगी।सुख शांति के लिए भगवान शिव को तुलसी का पत्ता, लंबी आयु के लिए दुर्वा ,कनेर के फूल से वस्त्र -आभूषण, अगस्त्य के फूल से मान सम्मान मिलता है।
इस दिन कुंवारी लड़की मनचाहा वर पाने के लिए उपवास रखती है और शादी शुदा महिला अपने परिवार की सुख और शान्ति के लिए..
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