धनतेरस क्यों मनाया जाता है
हिंदू धर्म के हर पर्व का एक अलग पहचान है।हर पर्व हमलोग बहुत उत्साह और उल्लास से मनाते हैं। धनतेरस का भी एक अपना महत्व है। धनतेरस दीपावली के ठीक 2 दिन पहले मनाया जाता है।
कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। भगवान धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है।
उनकी विधिवत पूजा करने से शरीर निरोग रहता है। एक पौराणिक कथाओं के अनुसार धनतेरस पर विधि पूर्वक पूजा करने और दीप दान करने से अकाल मृत्यु से छुटकारा भी मिल जाता है।
परंपरा के अनुसार धनतेरस की शाम को यम के नाम का दीपक घर की देहलीज (बाहर) पर रखा जाता है और उनकी पूजा करके प्रार्थना की जाती है कि वह घर में प्रवेश नहीं करें। किसी को कष्ट नहीं पहुंचाए। देखा जाए तो यह धार्मिक मान्यता मनुष्य के स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन से प्रेरित है।
धनतेरस 5 नवंबर को है। धनतेरस पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त: शाम 6.05 बजे से 8.01 बजे तक का है।सामान खरीदने का शुभ मुहूर्त सुबह 10:30 बजे से 1:30 तक
शाम 7:30 बजे से 9 बजे तक।
धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ है
हिंदू मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन खरीदारी करने का अपना एक अलग विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में सुख, शांति,सौभाग्य और समृद्धि आती है। धनतेरस के दिन खरीदी गई चीजें साल भर शुभ फल देती रहती है।
धनतेरस पर 5 चीज जरुर खरीदें - झाड़ू,बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण,व्य्वसाय से जुड़ी चीज और धनिया।
धनतेरस के टोटके
धनतेरस पर हर कोई चाहता है कि मां लक्ष्मी उस पर अपनी कृपा बनाए रखें। इसके लिए तमाम उपाय और तरीके आजमाते हैं। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे ही अचूक उपाय दे रहें जो केवल पांच रुपये में मां को खुश कर देगा।पांच रुपये का बताशा खरीदें। बताशा मां का सबसे प्रिय भोग है। सफेद बताशा धनतेरस पर ही खरीदें और उसे उसी दिन मां के चढ़ाएं।सफेद रंग मां को प्रिय है और जब उनके भोग भी सफेद होता है तो उनकी प्रसन्नता ज्यादा बढ़ती है। मां को सच्चे मन से प्रसाद चढ़ाएं और प्रार्थना करें कि जो धन आपके लिए है वह उन्हें जरूर दें।
धनतेरस पर सूर्यास्त के बाद दीप जलाकर कौड़ियां रखें, धनकुबेर और देवी लक्ष्मी का पूजन करें। आधी रात के बाद 13 कौड़ियां घर के किसी कोने में गाड़ दें। अनायास ही अपार धन प्राप्ति के योग बनने लगेंगे।
इस दिन 13 दीपक घर के अंदर और 13 घर के बाहर रखें। इससे दरिद्रता एवं अधंकार दूर होता है, जो मां लक्ष्मी एवं भगवान कुबेर को आपके घर में आने का निमंत्रण देगा। इस उपाय से नकरात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।
पुराने चांदी के सिक्के और रुपयों के साथ कौड़ी रखकर उनका लक्ष्मी पूजन के समय केसर और हल्दी से पूजन करें। पूजा के बाद इन्हे तिजोरी में रख दें। इस उपाय से बरकत बढ़ती है।
धनतेरस के दिन यदि आप चीनी, बताशा, खीर, चावल, सफेद कपड़ा आदि अन्य सफेद वस्तुएं दान करते हैं, तो आपको धन की कमी नही होगी। जमापूंजी बढ़ेने के साथ ही कार्यों में आ रहीं बाधाएं भी दूर होंगी।
धनतेरस की पूजा से पहले एवं बाद में दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर घर में चारों तरफ थोड़ा-थोड़ा छिड़कें। इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसके अलावा यह जल पूजा में शामिल लोगों पर भी छिड़कें। इससे मन पवित्र होता है।
दीपावली की रात लक्ष्मी माता के सामने साबुत धनिया रखकर पूजा करें। अगले दिन प्रातः साबुत धनिया को गमले में या बाग में बिखेर दें। माना जाता है कि साबुत धनिया से हरा भरा स्वस्थ पौधा निकल आता है तो आर्थिक स्थिति उत्तम होती है।
धनिया का पौधा हरा भरा लेकिन पतला है तो सामान्य आय का संकेत होता है। पीला और बीमार पौधा निकलता है या पौधा नहीं निकलता है तो आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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