माता की कृपा से बहुत अच्छी रही दुर्गा पूजा..खुब घुमे, मिठाई खाये,झुला झुले फुल ऑन मस्ती। लोगों के शुभकामना संदेश से तो अपने आप पर गर्व भी हुआ कि लोग इतना मानते हैं और ढेरों मंगलकामनाएं दी। अब मां दुर्गा का विसर्जन होने के साथ ही मैसेज आने लगे दिवाली के, जिसमें शुभकामनाओं से ज्यादा दिवाली ना मनाये इसके मैसेज हैं।
अरे क्यो ना मनाये दिवाली पहले भी तो दिवाली मनाते थे इतने पटाखे जलाते थे। पहले कुछ ना होता था आज पटाखे जलाने पर पोल्यूशन बढ़ जायेगा। अरे ये क्या बात हुई दिवाली पर पटाखे न जलाएं, होली में रंग ना खेलें।सारे पढ़ें लिखे महान लोग यही क्यों आ गये।
शराब भी तो खराबी करता उसको क्यो पीते हो, सिगरेट भी असर करता उसको छोड़ दो। गाड़ी चलाते समय हेलमेट, सीटबेल्ट जरुरी है उसको क्यो नहीं मानते,ले दे कर सारे पटाखे पर ही निकाल देते हो। एक तो पहले ही लोग दिवाली में दिया ना जलाकर लाइट जलाने लगे। कभी सोचा है कि
दिया क्यों जलाते थे दिवाली बरसात खत्म होने के ठीक बाद मनायी जाती है। बरसात के कारण बहुत सारे कीड़े मकोड़े मच्छर पैदा हो जाया करते हैं।जब हम दिया जलाते थे और उसमें करंज का तेल देते उस तेल के स्मेल से कीड़े आते और दीया में जल कर मर जाते और पुरी ठंडी लोग मच्छर कीड़े से मुक्त रहते थे।
आज कल लोग लाइट से सारी सजावट करते पुरे साल कीड़े मकोड़े मच्छर परेशान करते हैं। इसलिए दोस्तों जम कर दिवाली मनाएं और जो दिवाली ना मनाने के पोस्ट करें उनको ये पोस्ट जरूर पढ़ने कहें।
1 Comments
Achha post hai.
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