बेगुसराय दुर्गा पूजा की एक झलक-1

साल में दो बार मां दुर्गा के नवरात्रि मनाए जाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष के नवरात्रों को शारदीय नवरात्रि कहते हैं. इस बार यह नवरात्रि 10 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं. जो 19 अक्टूबर तक चलेंगे. इस बार के शारदीय नवरात्रि अति शुभ हैं क्योंकि मां दुर्गा के यह व्रत पूरे नौ पड़ रहे हैं. इन नौ नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इन नौ दिनों में की गई पूजा का फल अवश्य मिलता है. बेगूसराय के दुर्गा पूजा की तो बात ही निराली है।बेगूसराय शहरी क्षेत्र में कुल 45 दुर्गा मंदिर हैं जिसमें सबसे पुरानी दुर्गा मंदिर श्री श्री 108 बूढ़ी माता दुर्गा स्थान मेन रोड नौरंगा चित्र वाणी के सामने वाला मंदिर है इस मंदिर की स्थापना ब्रिटिश काल में ही 1851 ईस्वी में किया गया था यह जिले का सबसे पुराना अध्यात्मिक दुर्गा मंदिर है इस मंदिर में दुर्गा पूजा के समय सुबह बिहार के अलावे बेगूसराय जिला से बाहर रहने वाले लोग भी दुर्गा पूजा के समय आते हैं और इस मंदिर में आकर अपना माथा टेकते हैं और मां से मन्नतें मांगते हैं जिनकी मन्नतें पूरा होती है वह श्रद्धालु भक्त सप्ताह में मंगलवार के दिन माता को शुद्ध दूध मैं बना चावल का खीर का भोग लगता है। इस स्थान की मान्यता सदियों से चली आ रही है। विसर्जन के समय में दुर्गा माता को दर्जनों कहार मिलकर अपने कंधे पर लेकर पूरे बाजार में घूमाते है। उसके बाद शहर के बड़ी पोखर में विसर्जन करते हैं । मैंने बचपन से वहां की पूजा और पंडाल देखी है। विष्णुपुर दुर्गा पंडाल सजावट देखते बनती है। टाउनशिप में पंडाल की हर‌ थीम एक से बढ़कर एक होते हैं। चट्टी‌ रोड पर ,नौरंगा पुल,लहेरिया धर्मशाला,स्टेशन रोड,पावर हाउस,वाघा,गाछी टोला पुरा रात हमलोग मेला घूमते । विष्णुपुर का तो पंडाल इतना बड़ा होता है कि चलते चलते पैर दुखने लगते लेकिन मजा भी बहुत आता है। सबसे पुरानी दुर्गा स्थान है । बेगूसराय के सबौरा और केशावे में भी बहुत सुंदर तरीके से दुर्गा पूजा मनाया जाता है।सबौरा में तो एक दिन आर्केस्ट्रा प्रोग्राम भी होता है। सेवा और संवेदनशीलता के साथ सौहार्द का यह संगम आपको बेगूसराय में देखने को मिल जायेगा। पूछने पर एक मुस्लिम युवा कहते हैं कि सभी को सहयोग करना चाहिए। नवरात्र में यहां दूर दराज के अलावा नेपाल से भी श्रद्धालु आते हैं।पूजा समिति की ओर से सबका बराबर स्वागत होता है, इसलिए पूरे उत्तर बिहार में यहां की पूजा काफी भव्य होती है। आपको मेरा ये लेख कैसा लगा कमेंट में जरुर बताएं। और आगे एक और लेख पढ़ें जिसमें बेगुसराय के आसपास के दुर्गा पूजा के बारे में जानेंगे।

Post a Comment

3 Comments

  1. Jay Mata di is post ko padh Kar Begusarai aur waha hone wale Durga Puja utsav ka yaad aayi Gaya really miss that festival. Dosto ke saath mela ghumna aur chaat pakore mithayi, ke alawe sajawat bhi Bari Bhavya Hoti thi

    ReplyDelete