अक्सर हमलोग गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में कम पानी पीते हैं, एक तो प्यास कम लगती ऊपर से आलस के कारण लोग प्यास लगा भी तो रजाई से निकलने का मन नहीं करता और पानी नहीं पीते। जो हमारे लिए बहुत नुकसानदायक होता है, सर्दियों में कम पानी पीने से आपको डिहाइड्रेशन, स्कीन प्रोब्लम, किडनी प्रोब्लम आदि होती है। जिसकी चर्चा आगे करेंगे, सर्दियों में पानी तो कम पीते ही है पानी का उपयोग ही बहुत लोग कम कर देते। पानी ज्यादा पीएंगे फिर टाॅयलेट लगेगा अब कौन बार बार रजाई से निकले। मैं बहुतों को ऐसा कारण देते देखी हुं। जो बिल्कुल सही नहीं है ये आदत आपको बिमार बना देगा।
गर्मी में पसीना चलता है तो प्यास लगती है, ठंड में पसीना कम कम चलता तो प्यास कम लगती लोग कम पीते, जबकि इसका उल्टा होना चाहिए ठंड में गर्म रखने के लिए हम लोग खाना कितना गर्म खाते, मसाला भरा, परांठे, मीठा भी अच्छा खासा खा लेते तो उनको पचाने के लिए पानी तो और ज्यादा चाहिए लेकिन हम लोग पानी ही कम कर देते। ठंड में पानी की कमी शरीर में ज्यादा होती इसलिए स्कीन रूखा लगता है, आप कितना भी लोशन लगाएं ग्लो कम ही आता।
सर्दियों में कम पानी आपको कर सकता है बिमार....
सर्दियों में प्यास कम लगती है जिसका मुख्य कारण है कि ठंड के कारण हमारी नसें सिकुड़ जाती है और दिमाग तक जो खून का भागादौड़ी होता है वो भी स्लो हो जाता। जो नसें दिमाग को बताती हैं कि पानी की कमी लग रही वो भी सटिक आंकलन नहीं कर पाती इसलिए ठंड में लगता है प्यास लग नहीं रहा कौन पानी पीएं । जबकि शरीर को गर्मी इतना ही पानी ठंडा में भी चाहिए होता है।
ठंड में पानी की कमी से किडनी पर भी असर होता है, क्योंकि किडनी का काम है शरीर की गंदगी को बाहर करना और जब पानी कम पीते हैं तो पेशाब भी कम लगता इससे गंदगी भी कम बाहर निकलती और पेशाब कड़ा एकदम थोड़ा सा गाढ़ा पीला आता.. गंदगी अंदर ही रहने से किडनी स्टोन या किडनी में प्रोब्लम हो सकती।
सर्दियों में बाहर हवा में नमी रहती वही हम सांस से लेते हैं और छोड़ते गर्म हवा है, वाष्पीकरण होता है जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती, इसलिए कम से कम 3 लिटर पानी तो जरूर पीना चाहिए।
पानी कम पीने से दिमाग में खून का प्रवाह कम होता है, ऑक्सीजन सप्लाई भी दिमाग तक कम होता है जिससे सर दर्द और चक्कर आने लगता है। इससे फोकस भी कम होता काम में, कभी कभी चिड़चिड़ापन, मुड स्वींग, पुरा दिन थकान जैसे लगते रहता है।
पानी कम पीने से कब्ज़ की समस्या सबसे ज्यादा होती है। ठंड में मसाला युक्त खाना हो ही जाता जिससे खाना पचता नहीं और कब्ज़ भी बहुत होती है।
सर्दियों में अक्सर होंठ फटने लगते, हाथ पैर सुखे सुखे रहते इसके लिए आपको पानी भरपूर मात्रा में लेना चाहिए ना तब कभी कभी होंठ से खून आने लगता है।
नोट- ये बस जानकारी है हम इसका पुरा पुष्टि नहीं करते... लोगों से पढ़ी सुनी जानकारी... बिना डाॅ से राय लिए ना अपनाएं , कोई डाक्टर इसको ना बोला है।
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