वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को अक्षय तृतीया, आखा तीज आदि नामों से जाना जाता है। यह दिन बहुत शुभ माना जाता है इस दिन कुछ उपाय कर आप अपने घर में अन्न धन की परिपूर्णता से भरे रह सकते हैं। इस दिन को लेकर बहुत सारी पौराणिक कथाएं हैं कहा जाता है इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी का चीरहरण होने से बचाया था, मां गंगा धरती पर इसी दिन आई थी, भगवान परशुराम और मां अन्नपूर्णा का जन्म इसी हुआ था, कृष्ण और सुदामा का मिलन इसी दिन हुआ था, भगवान कुबेर को खजाना भी आज मिला, सतयूग और त्रेतायुग का शुभारंभ आज के दिन हुआ, भगवान केदारनाथ का पट आज के दिन ही खुलता, ब्रह्मपुत्र अक्षय का जन्म भी आज के दिन ही हुआ था। महाभारत का युद्ध भी अक्षय तृतीया को समाप्त हुआ था और वांके बिहारी मंदिर में भगवान श्री विग्रह के पैरों का दर्शन आज के दिन ही होता है ना तब साल भर पैर ढका हुआ रहता है। इसलिए अक्षय तृतीया का दिन अत्यंत शुभफलदाई माना जाता है, इस दिन कुछ भी नया करने में कोई संकोच नहीं रखना चाहिए।
अक्षय तृतीया कब है 2023
अक्षय तृतीया कल यानी 22 अप्रैल 2023 को है। यह सुबह 7.49 से शुरू हो 23 अप्रैल 2023 को सुबह 7.47 पर समाप्त होगा। पूजा का शुभ मुहूर्त 7.49 से 12.20 दोपहर तक है। 23 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पुण्य के भागी बन सकते हैं।
अक्षय तृतीया का महत्व...
अक्षय तृतीया को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है।इस दिन गृह प्रवेश, शादी, विवाह, जनेऊ, मुंडन, गाड़ी, जमीन, सोना, चांदी खरीदना अत्यंत शुभफलदाई होता है। गंगा स्नान, पूजा पाठ का विशेष महत्व रहता है इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का पूजन अवश्य करना चाहिए। इस दिन पितरों को तर्पण करना पिंड देना शुभ होता है।
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