कार्तिक मास कब से शुरू हो रहा और इसका महत्व क्या है

      दुर्गा पूजा के साथ ही आश्विन मास समाप्त होने पर है। 10 अक्टूबर से कार्तिक मास शुरू हो रहा है, यह मास स्नान दान से लिए सबसे उत्तम है। इस मास में गंगा स्नान का विशेष महत्व है बहुत लोग एक मास मतलब पुरे कार्तिक मास गंगा किनारे कल्पवास करते हैं। अभी लगभग हर गंगा किनारे घाट पर हजारों की संख्या में लोग पुरे माह स्नान करते, संध्या पूजन करते हैं। वो लोग कपड़े की टेंट बना कर रहते हैं। हम इस पोस्ट में कार्तिक मास कब से शुरू हो रहा कब तक रहेगा और इसका महत्व क्या है पुरा बताएंगे।

       कार्तिक मास कब से शुरू हो रहा है.....

   कार्तिक मास 10 अक्टूबर सोमवार से शुरू हो रहा है और यह 8 नवंबर मंगलवार तक चलेगा। इस मास में हम लगभग सभी भगवान की पूजा करते हैं सुबह सुर्य देव को जल, आंवला जिसमें भगवान विष्णु का वास है उसमें जल, पीपल जिसमें भगवान शनि को जल चढ़ाते हैं। फिर दिवाली में माता लक्ष्मी की पूजा करते, गोर्वधन पूजा, दावात पूजा, छठ पूजा, रोज संध्या तुलसी में दिया दिखाना आदि..... 

      कार्तिक मास का महत्व......

    कार्तिक मास का महत्व पुराणों में वर्णित है कि स्वयं ब्रह्मा जी ने भी इसके बारे में कहा है - मास में कार्तिक, युग में सतयुग, शास्त्र में वेद, भगवान में विष्णु और तीर्थ में बद्रीनाथ और गंगा उत्तम है। कार्तिक मास भगवान विष्णु का सबसे प्रिय माह है। भगवान विष्णु के साथ तुलसी पूजा करने से उत्तम फलदाई होती है। इस मास शालीग्राम दान करना, पूजन करना श्रेष्ठ है।

      कार्तिक मास में पड़ने वाले व्रत त्योहार......

    10 अक्टूबर - कार्तिक मास आरंभ

    13 अक्टूबर - करवाचौथ

    17 अक्टूबर - अहोई अष्टमी

    23 अक्टूबर - धनतेरस

    24 अक्टूबर - दिवाली

    26 अक्टूबर - भाई दूज और  गोवर्धन पूजा

    28-30 अक्टूबर - छठ महापर्व पूजा

    4 नवंबर - देव उठनी एकादशी

    8 नवंबर - कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती  

     कार्तिक मास में ये काम अवश्य करें......

     * कार्तिक मास में तुलसी में सुर्योदय के समय जल और सुर्यास्त के समय दीपदान करना चाहिए।

     * पुरे मास सुर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए। आंवला में जल दें।

     * स्नान ध्यान करने के बाद कनकधारा स्तोत्र, विष्णु स्त्रोत, लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना शुभ फलदाई होता है।

      * भगवान विष्णु को तिल चढ़ाएं इससे पाप से मुक्ति मिलती है।

     * आसपास के मंदिर या पीपल के पेड़ के पास दीप अवश्य जलाएं।

     * कार्तिक मास में प्याज लहसुन, मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। 

       कार्तिक मास में होने वाले पर्व त्यौहार के बारे में विस्तार से मेरे पोस्ट में बताया गया है और भी नई नई जानकारी के लिए आप सब बने रहें। आपको कैसा लगा मेरा पोस्ट हमें कमेंट कर अवश्य बताएं। आप अगर और कुछ जानकारी चाहते हैं तो बताएं।


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