चैत्र मास शुरू हो गया है। होली खत्म होते ही चैत्र मास के नवरात्रि की तैयारी शुरू हो जाती है। चैत्र मास के नवरात्रि का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। नवरात्रि के ठीक बाद यानी इसके चैत्र मास के नवमी के दिन रामनवमी पर्व मनाया जाता है। ये नवरात्रि बहुत लोग करते हैं और नौ दिन तक व्रत पूजा के साथ साथ फलाहारी भी करते, कलश स्थापना कर नौ दिन पूजा करते हैं। बहुत जगह मेला भी लगता शारदीय नवरात्र इतना मेला तो नहीं लगता लेकिन पूजा पाठ हर जगह होता। हम इस पोस्ट में चैत्र नवरात्र कब है, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और माता किस सवारी पर आ रहे हैं और इस नवरात्रि का महत्व बताने जा रहे हैं। पसंद आए तो कमेंट अवश्य करें और सब्सक्राइब करें।
चैत्र नवरात्र में माता की सवारी किस पर आ रही है....
चैत्र नवरात्र की शुरुआत 13 अप्रैल यानी मंगलवार को शुरू हो रहा है। इसलिए इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही है। इसका अर्थ है कि इस साल प्राकृतिक आपदा, राजनीतिक उथल-पुथल और कुछ विपदा हो सकती है।
चैत्र नवरात्र 2021 कब से शुरू हो रहा....
चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल 2021 को शुरु हो रहा है। 9 दिन तक चलने वाला है इस बार ये नवरात्रि ( कभी कभी कोई दिन लुप्त हो जाता है) 13 अप्रैल से शुरू हो कर 21 अप्रैल बुधवार को हवन के साथ समाप्त होगा। 20 अप्रैल 2021 मंगलवार को अष्टमी है और 21 अप्रैल बुधवार को नवमी इस दिन भगवान राम का जन्म दिवस भी मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्र 2021 का कलश स्थापना शुभ मुहूर्त....
13 अप्रैल को कलश स्थापना है। जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 5.28 से 10.14 तक रहेगा। 11.56 से 12.47 तक दुसरा शुभ मुहूर्त है। नवरात्रि के पहले दिन दो विशेष योग है। दोपहर में 03.16 तक विष्कुम्भ योग है। यह योग बहुत अशुभ होता है जैसे विष पीकर पुरा शरीर खराब हो जाता है उसी प्रकार इस योग में किए गए काम विष के बराबर ही होता है जो कभी अच्छा फल नहीं देता। 03.16 के बाद प्रीति योग शुरू होगा जो बहुत शुभ योग है।
नवरात्रि और प्रकृति का संबंध है कुछ....
हमारे ऋषि मुनियों ने जो जो पर्व त्योहार मनाया वो सब से कुछ ना कुछ वैज्ञानिक महत्व अवश्य छिपा हुआ था। हर चीज हमारे स्वास्थ्य और प्रकृति से जुड़े हुए हैं। नवरात्रि साल में चार होती है दो मुख्य नवरात्र होता है जो मार्च और सितंबर में पड़ता है। मतलब एक में ठंड खत्म हो गर्मी शुरू होता और दुसरे में गर्मी खत्म ठंडी शुरू होता है।
इस दोनों समय में रोगाणु के आक्रमण का बहुत अधिक संभावना होता है। इस समय बिमारी बढ़ने की संभावना अधिक होती है। तो नवरात्रि शुरू जब होती है तो उसमें हम खाना पीना, फलाहार, उपवास जो करते हैं इससे हमारे शरीर का पुरी तरह एक बार साफ सफाई हो जाता जो फिर अगले मौसम के लिए फिर से तैयार से तैयार हो जाता है। हवन पूजन करते हैं तो उसमें जड़ी, बूटी और वनस्पतियों का उपयोग वातावरण को शुद्ध करने में मदद करता है।
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