कल पौष पूर्णिमा है, इस पूर्णिमा का बहुत महत्व है, इस दिन से गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर एक माह का कल्पावास का मेला लगता है। जिसे माघ मेला भी कहते हैं। वैसे हर पूर्णिमा को गंगा स्नान का विशेष महत्व है लेकिन पौष पूर्णिमा पर कुंभ लगने वाले हर जगह पर स्नान का विशेष महत्व है। कल यानी 28 जनवरी को कुंभ मेला का महत्वपूर्ण स्नान भी है। कब से शुरू है कुंभ मेला
पौष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और महत्व जानें.....
पौष पूर्णिमा 28 जनवरी को है। यह 28 जनवरी गुरुवार 01.18 से शुरू हो रहा है और 29 जनवरी 12.47 तक रहेगा। दोनों दिन पूर्णिमा का मान है। पौष मास भगवान दीनानाथ, सूर्य का माह है, इस महीने में सूर्य भगवान की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।इसलिए हर रोज स्नान कर भगवान को जल अवश्य चढ़ाना चाहिए। इस दिन गंगा स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा करने से हर संकट दूर रहता है।
पौष मास की पूर्णिमा को मां शाकंभरी ने अपने भक्तों के कल्याण के लिए इसी दिन धरती पर अवतार लिया था। इसलिए इस पूर्णिमा को शाकंभरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन माता की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस दिन तिल, कंबल, चादर अवश्य दान करना चाहिए।
पौष पूर्णिमा की पूजा विधि....
कुंभ मेला जाएं तो इन जगहों पर अवश्य जाएं
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