अखाड़ा का नाम अक्सर आप कुंभ के समय ज्यादा सुनते हैं। अखाड़ा कुस्ती के मैदान को भी कहते हैं, जहां मल्ल युद्ध और दांव पेंच जैसी बातें होती है। सबसे पहले हम ये जानते हैं कि अखाड़ा शब्द की शुरुआत कहा से हुई। पुराने जमाने में जब कुछ विधर्मी या दुसरे देश के लोग सनातन धर्म पर जोड़ जबरदस्ती कर उनका धर्म भ्रष्ट करने पर लग गए तब कुछ साधुओं के समुह ने धर्म की रक्षा के लिए अखाड़ा बनाया।
अखाड़ा क्या है और इसका इतिहास.....
इन साधुओं का समुह धीरे धीरे बढ़ता गया अखाड़ा बनता गया। अब तो 13 अखाड़े है इनमें कितने लाखों साधु होते हैं।उन्हे धर्म की रक्षा के लिए अस्त्र और शस्त्र दोनों की ट्रेनिंग दी जाती है।एक हाथ में रूद्राक्ष तो एक हाथ में त्रिशूल दिया जाता है। इन सब अखाड़ों का मुखिया आदि गुरु शंकराचार्य होते हैं। लेकिन इन अखाड़ों का अपना एक गुरु होते है जो आचार्य होते हैं जिनके एक इशारे जान देने और लेने को हमेंशा तैयार रहते हैं।
अखाड़े जो सनातन धर्म की रक्षा करने के लिए बने लेकिन जैसे जैसे इनमें साधुओं की संख्या बढ़ने लगी उनके विचारों में भेद होने लगे। अब कुछ साधू शिव को मानते हैं तो कुछ वैष्णव, कुछ शस्त्र वाले कुछ शास्त्र वाले, कुछ बस भोले की नशा में डुब जाते कुछ बस ध्यान में डुबे रहते जिस कारण मतभेद बढ़ने लगा। कुंभ मेला में कभी पहले स्नान को लेकर तो कभी किस का तंबू कहां रहेगा उसके लिए लड़ाई होने लगा।
कुंभ मेला तो सदियों से लगता आया, लेकिन कुछ सालों से इसमें वर्चस्व की लड़ाई होने लगी। सन् 1954 में कुछ ज्यादा हो गया इसमें बहुत सारे लोग मारे भी गए तब जाकर सभी संत मिल बैठ कर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का निर्माण किया। इसमें 13 अखाड़े बने जिनमें ये नियम बनाए गए कि पहले कौन स्नान करेगा।
फिर तीन संप्रदाय बने शैव संप्रदाय, वैष्णव संप्रदाय और उदासीन संप्रदाय.. शैव संप्रदाय के अंतर्गत 7 अखाड़े आते हैं और वैष्णव संप्रदाय बने 3 अखाड़े और फिर उदासीन अखाड़ा में भी 3 अखाड़े हैं। कुछ विवादित अखाड़े भी है।
नागा साधुओं के बारे में जानें
शैव संप्रदाय मानने वाले 7 अखाड़े....
* श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, दारगंज, इलाहाबाद
* श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, दारगंज, इलाहाबाद
* श्री पंच अटल अखाड़ा, चौक वाराणसी
* श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, दशमेश घाट, वाराणसी
* श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, हनुमान घाट, वाराणसी। * श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती, त्र्यंबकेश्वर, नासिक, महाराष्ट्र
* श्री पंचदशनाम अग्नि अखाड़ा, गिरिनगर, भवनाथ,
जूनागढ़, गुजरात
वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े.....
* श्री दिगम्बर अनी अखाड़ा, शामलजी खाक चौक मंदिर , सांभरकांठा, गुजरात
* श्री निर्वाणी अनी अखाड़ा, हनुमानगढ़ी, अयोध्या
* श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, बंशीवट, मथुरा
उदासीन संप्रदाय के तीन अखाड़े....
* श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा, कनखल हरिद्वार
* श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन, कृष्णानगर, इलाहाबाद
* श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, कनखल हरिद्वार
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