नवरात्रि के बस 5 दिन शेष हैं, हमारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हम नवरात्रि इसलिए करते हैं कि माता की कृपा हमेशा हमारे घर परिवार पर बरसें। इसके लिए हमें माता के नौ रूपों को उनकी पसंद का हर चीज चढ़ाना चाहिए जिससे माता प्रसन्न होकर हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखेंग। ये सब उपाय कर आप आसानी से माता को प्रसन्न कर सकते हैं।
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17 अक्टुबर को कलश स्थापना का योग है। पहले दिन शैलपुत्री मां की पूजा होगी फिर नौ दिन नौ रूपों की, हर दिन माता के अलग-अलग रूप के लिए अलग-अलग चढ़ावा चढ़ाया जाता है। हम इस पोस्ट में इसी के बारे में बताने जा रहे कि माता के नौ रूपों को क्या चढ़ाएं।
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नवरात्रि के नौ दिन माता को क्या क्या चढ़ाएं.....
* प्रथम शैलपुत्री- पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है।इस दिन माता को फल में अनार चढ़ाएं, मिठाई में दूध से बनी कोई भी चीज, गुड़ या शक्कर भी चढ़ा सकते हैं।
* द्वितीय ब्रह्मचारिणी- नवरात्रि के दुसरे दिन माता के दुसरे रुप की पूजा होती है। इस दिन माता को मिश्री, चीनी, पान मसाला, मक्खन का भोग लगाएं।
* तृतीय चंद्रघंटा - तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा करते समय दूध, खीर, मावा की मिठाई का चढ़ावा चढ़ाया जाता है।
* चतुर्थ कुष्मांडा- नवरात्रि के चौथे दिन माता कुष्मांडा की पुजा होती है। इस दिन माता को मोरब्बे, मालपुआ का भोग लगाएं।
* पंचम स्कंदमाता - इस दिन माता के पांचवें रुप स्कंदमाता की पूजा होती है। इस दिन माता को केला, सुखा फल आदि का भोग लगाएं।
* षष्ठी कात्यायनी - माता का छठा रूप कात्यायनी का है । इस दिन शहद का भोग लगाएं।
* सप्तम कालरात्रि - कालरात्रि के दिन गुड़ का भोग लगाएं।
* अष्टम महागौरी - माता महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए। नारियल की मिठाई भी भोग में लगा सकते हैं।
* नवम सिद्धिदात्री - यह नवरात्रि के अंतिम दिन यानी सिद्धिदात्री मां की पूजा की जाती है। इस दिन माता को चना पुरी, खीर मिठाई का भोग लगाना चाहिए। उसके बाद कंजक को खिलाएं। आशिर्वाद प्राप्त करें।
जय माता दी। आपको मेरा पोस्ट कैसा लगा अवश्य बताएं। माता रानी सबका कल्याण करें।
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