शरीर में गांठ कहीं कैंसर के लक्षण तो नही

      आज के समय में लगभग हर 4 में से एक लोग कैंसर से शिकार हो रहे हैं। इसलिए हमें हर छोटी-बड़ी बातों का खास ख्याल रखना होगा। गांठ शरीर में कहीं भी एक गोला जैसे हो जाते हैं। ये गांठ दो तरह के होते हैं है - पहला लिपोमा या लाइपोमा जो स्कीन और मांसपेशियों के बीच में एक bubble बनता है। ये आमतौर पर जेनेटिक होते हैं। bubble मोटापा के कारण बनता। यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी होती है जो एक जगह जमा होकर bubble बन जाता है और दूसरा bubble जो कैंसर का रूप धारण करता है।



     हम इस पोस्ट में सभी तरह के bubble के बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। कैंसर एक‌ ऐसी बिमारी है जिसका पता लगभग लास्ट स्टेज में ही चलता है। जब तक ये बिमारी पुरी तरह जकड़ ना ले हम जान ही नहीं पाते तब तक ये इतना फ़ैल चुका होता कि 75% केस में मौत ही हो जाती इसलिए अगर गांंठ को पहले पहचान ले तो शायद ठीक हो जाए...

     पहले लिपोमा या लाइपोमा गांठ के बारे में जानते हैं....

     लिपोमा एक छोटा सा ट्यूमर है जो कंधे, जांघ, कुल्हे, पेट, हाथ, बांह, ‌पीठ आदि ‌जगहों पर होता है। इसमें दर्द ‌नहीं‌ होता है,‌ इसके होने का‌ कोई ठोस कारण तो अभी ‌सामने‌ ना है लेकिन मोटापा, चीनी, हाई‌ कोलेस्ट्रॉल, लीवर‌ प्रोब्लम, अत्यधिक मात्रा में एल्कोहल सेवन, अनुवांशिक, के‌ कारण ‌फोरा जैसा हो जाता है ‌जिसे आसान से ऑपरेशन कर निकाल दिया जाता है।

      यह गांठ 2 इंच तक हो सकता है। यह इधर उधर फिसलने वाला होता है, मुलायम होता है। यह शरीर में एक या इससे अधिक भी होता है। इसका रंग पीला या बदरंग हो सकता है।

     इसको खत्म करने के लिए तरबूज का रस रोजाना एक गिलास पीएं। या लहसुन खाली पेट एक दो कलियां चबाकर गर्म पानी पी लें।‌ गांठ पर‌ नींबू रस या हल्दी पानी का पेस्ट या फिर सेब का सिरका रूई में लगाकर लगाएं फायदा होगा।

     शरीर के गांठ कहीं कैंसर तो नहीं....

     यह गांठ लाल रंग ‌का‌‌ होता है जैसे कि चेरी हो, इसका ‌भी‌ बहुत कारण होता है। जन्मजात‌ भी‌ हो‌ सकते या चोट लगने से और भी बहुत कारण है।‌ खून की नसों में कुछ गड़बड़ी के कारण ‌इसका दिवाल‌ कमजोर हो जाता है और जब ब्लड सर्कुलेशन होता है तो खून का दबाव ‌वो दिवाल सह नहीं पाता‌ है वहां ‌एक‌ फोरा हो जाता है जो समय के साथ बढ़ता रहता है।

     यह गांठ हो तो छूने पर ठोस लगे, इधर उधर फिसले नहीं, छूने पर दर्द हो, पसीना खुब आए, भूख ना लगे, वजन कम हो, थकान लगे, जहां गांठ हो वहां का रंग बदल रहा हो तो डाॅ से जल्द मिले। यह छाती, कांख,‌ गले पर ज्यादा‌ होता है। 

     अगर‌ ऐसा कुछ लक्षण दिखाई दें तो ‌उस पर‌ बिल्कुल चीरा ना‌ लगवाएं। पहले डाॅ से अच्छी तरह ‌जांच करवा‌ ले‌ ना तब इसका कोई ‌इलाज नहीं है। डाॅ अपने ‌हिसाब से जांच‌ कर‌ तब कुछ ‌कह सकते हैं।

    

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