Corona Vs Our history in Hindi

    कोरोना और हमारा इतिहास ये पोस्ट पिछले 100 सालों और अभी के हालात पर लिख रही हूं। एक वायरस जो पुरी दुनिया पर कब्जा जमा कर बैठा है, जिसका अभी तक कोई इलाज सामने नहीं आया है। इससे पहले भी वायरस के बहुत से बिमारी आए जैसे हैजा, इंफ्लूएंजा, एड्स, चेचक जो लाखों नहीं करोड़ों लोगों की मौत का कारण बना।



     इस सभी बिमारियों का कोई ना कोई दवा या रोकथाम निकल गया लेकिन पांचवां महीना होने को आया इसका कोई इलाज ना आया अभी तक। कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है पुरे दुनिया में लगभग 50 लाख कोरोना के मरीज हैं जिनमें से साढ़े तीन लाख लोगों की जान गई है।‌ अकेले भारत में 1 लाख के करीब कोरोना पोजेटिव पाएं गए हैं साढे तीन हजार मौत भी हुई है बहुत लोग ठीक भी हुए हैं 36 हजार से ज्यादा लोग कोरोना को मात भी दिए हैं।
      
     इतिहास गवाह है प्रथम विश्व युद्ध हो, द्वितीय विश्व युद्ध हो, या अन्य देशों के साथ किसी देश का युद्ध हो कभी इतनी ना सड़क सुनी थी, ना कभी रेल बंद हुआ लेकिन कोरोना काल में सब कुछ बंद। पुरी तरह पुरा दुनिया खुद को बंद कर लिया लेकिन ये बिमारी लोगों की दुश्मन बनी रही।

     प्लेग जैसी खतरनाक बिमारी का भी सामना दुनिया ने किया जिसमें पुरी दुनिया में करोड़ों जान ली शुरू तो यह 14वी शताब्दी में हुआ था लेकिन 1894 से 1918 तक बहुत तांडव किया, इसमें सफलता एक क्वारटाइन के कारण ही मिल पाया। 

    1911 में आया हैजा जिसमें 8 लाख से ज्यादा लोग मरे। यह पानी के गंदगी के कारण हुआ।

    1918 में फिर वायरस आया इंफ्लूएंजा इसमें भी लगभग ढाई तीन करोड़ जान गई। इस समय द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था, एक वेवसाईट पर लिखा गया कि अगर उस समय आपातकाल लागू हो गया होता तो इतनी जान नहीं जाती।

    1976 में एड्स आया था, यह अक्रीका से शुरू हो पुरी दुनिया में खलबली मचा रखा था, जिसमें साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग मरे। 

     मौत का आंकड़ा जिस हिसाब से बढ़ रहा है कहीं पिछले इतिहास को भी पार ना कर दे इसलिए हमें सोशल डिसटेंशिंग, आपातकाल जैसे हर नियम को मानना होगा। हमें खुद और दूसरे लोगों को भी समझाना होगा कि सामाजिक दूरी क्यों जरूरी है। 

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