सफेद पानी का सही समय करें ‌‌‌‌‌‌‌पहचान, नहीं तो बच्चेदानी कैंसर हो सकता है

       महिलाओं में सफेद पानी का गिरना आम बात होती है। यही जब ज्यादा हो जाय तो परेशानी होती और जब गाढ़ा पीला और बदबूदार स्राव होता है तो कैंसर हो सकता है। यह 30-35 साल की महिलाओं को युटेरस कैंसर होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह 70 में से एक महिला को होता है। आजकल तो इसके प्री कैंसर स्टेज भी पता चलता है मतलब कैंसर होने के 4-5 साल पहले पता चल जाएगा। यह पेशाब जांच में भी पता चल जाता है।

     कैंसर सही समय पर पता नहीं चलने के कारण लोग मरते हैं। युटेरस कैंसर होने का मुख्य कारण एंडोमेट्रियल है जो युटेरस के अंदर की परत है यही कोशिकाएं जब असामान्य रूप से बढ़ने लगती है तो कैंसर होता है।ये बहुत ख़तरनाक बिमारी है इससे मां बनने की संभावना खत्म हो जाती है।और भी बहुत परेशानियां होती है। इसके कुछ लक्षण है वो जान लें तो सही समय पर तो शायद आपकी जिंदगी बच जाए....

      * पेट में सुजन
     * योनि या पेट में दर्द
     * पीरियड्स के बाद भी खुन गिरना
     * पेशाब करते समय जलन और दर्द
     * बार बार पेशाब आना और जोर से आना
    * पेडू और कमर में दर्द रहना
    * योनि से पीला, गाढ़ा पानी का ज्यादा मात्रा में निकलना
    * शारीरिक संबंध बनाते समय तेज दर्द और खुन निकलना
    * हमेशा थकान महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ होना
    * भूख ना लगना, वजन एकाएक कम हो जाना
     * मेनोपॉज के बाद भी खुन आना, या बहुत लेट मेनोपॉज होना

   युटेरस कैंसर होने के कारण.....

   * जिन महिलाओं का शादी कम उम्र में हुआ हो
   * बहुत सारे बच्चे पैदा करना, बार बार गर्भधारण
   * गर्भपात भी एक कारण है, जो ज्यादा गर्भपात कराते
   * एक से अधिक लोगों से संबंध बनाना
   * अनुवांशिक
   * सफेद पानी गाढ़ा हो जाए सही समय पर इलाज न होने के कारण एंडोमेट्रियल कैंसर रुप ले सकता है।

     इलाज....

    युटेरस कैंसर का सही समय पर पहले जांच होना चाहिए।30 के बाद महिलाओं को पैप स्मीयर जांच अवश्य कराना चाहिए। यह टेस्ट पीरियड्स में नहीं होता है और ना ही गर्भावस्था में। इसमें जांच के दिन 48 घंटे शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। मतलब जांच के पहले योनि में स्पर्म नहीं रहना चाहिए।नहीं तो रिपोर्ट सही नहीं आएगा। अगर रिपोर्ट में बिमारी है तो तुरंत इलाज करवाएं।

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