नवरात्रि रविवार की सुबह से शुरू हो रही है। नवरात्रि मतलब नौ रात पूजा। इसमें माता के नौ अलग अलग रुपों की पूजा होती है। आइए इस पोस्ट में माता के नौ रूपों के नाम और उसकी कहानी जानते हैं।
माता के नौ रुप है - प्रथम शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी
तृतीयं चंद्रघंटेति च चतुर्थंम कुष्मांडा, पंचंम स्कंदमातेती
षष्ठं कात्यानी च सप्तम कालरात्रेति, अष्टम महागौरी च
नवम् सिद्धिदात्री....
1. प्रथम शैलपुत्री - शैलपुत्री माता का प्रथम रूप है। यह पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। पर्वतराज हिमालय और माता मेनका बहुत साल तपस्या की तब माता पुत्री के रूप में उनके घर आई। कथा के अनुसार माता सती ही अगले जन्म में शैलपुत्री के रूप में आई। इनका एक नाम पार्वती भी है।
2. ब्रह्मचारिणी -
माता के नौ रुप है - प्रथम शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी
तृतीयं चंद्रघंटेति च चतुर्थंम कुष्मांडा, पंचंम स्कंदमातेती
षष्ठं कात्यानी च सप्तम कालरात्रेति, अष्टम महागौरी च
नवम् सिद्धिदात्री....
1. प्रथम शैलपुत्री - शैलपुत्री माता का प्रथम रूप है। यह पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। पर्वतराज हिमालय और माता मेनका बहुत साल तपस्या की तब माता पुत्री के रूप में उनके घर आई। कथा के अनुसार माता सती ही अगले जन्म में शैलपुत्री के रूप में आई। इनका एक नाम पार्वती भी है।
2. ब्रह्मचारिणी -
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