प्रणव मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को भारत रत्न

    आज देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, भारतीय जनसंघ के नेता स्वर्गीय नानाजी देशमुख  , दिवंगत गायक भूपेन हजारिका जी को मिला। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। भारत रत्न देने का ऐलान 25 जनवरी को किया गया था।यह भारत का सबसे बड़ा सम्मान है। आज शाम हमारे राष्ट्रपति रामनाथ कोंविंद ने राष्ट्रपति भवन में एक भव्य समारोह का आयोजन किया।

      उसमें प्रणव मुखर्जी, भुपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका और नानाजी देशमुख के रिश्तेदार विक्रमजीत सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया। अब तक 48 लोगों को यह सम्मान दिया गया है। पिछला बार यह सम्मान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी को 4 साल पहले मिला था। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है।

     साहित्य, विज्ञान, कला या सार्वजनिक सेवा और खेल में अतिविशेष योगदान वाले को दिया जाता है। सबसे पहले भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को 2 जनवरी 1954 को मिला था।

    आइए प्रणव मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका के बारे में जानें....


    प्रणव मुखर्जी- प्रणव मुखर्जी

देश के 13 वें राष्ट्रपति हुए। 2012 में वो राष्ट्रपति बने। इससे पहले मनमोहन सिंह की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके। उनका जन्म 11 दिसंबर 1935 को वीरभूम बंगाल में हुआ। 1969 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा, राज्यसभा में सांसद बने। इंदिरा गांधी इनसे बहुत प्रभावित थी।1975,1981,1993 1999 तक ये राज्यसभा के लिए निर्वाचित रहे। 1974 में केंद्रीय वित्त मंत्री भी रहे।

          इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी से इनका रिश्ता कुछ अच्छा नहीं रहा,तो 1986 में अपनी पार्टी राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का गठन किया।1989 में फिर राजीव गांधी से रिश्ता अच्छा हुआ तो अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय कर लिया। इन्होंने वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, वाणिज्य मंत्रालय भी अच्छी तरह संभाला। 8 बार कैबिनेट मंत्री रहे तब राष्ट्रपति भी बने।

     नानाजी देशमुख 

   नानाजी देशमुख देश के महान सख्सियत में एक है। इन्हे समाज सेवा के लिए जाना जाता है। इनका जन्म महाराष्ट्र के हिंगोली जिला में 11 अक्टूबर 1916 को हुआ। ये भारत में फैली अनेक कुप्रथा को बंद कराया। ये ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अनेक काम किया। आरएएस के संस्थापक हेडगेवार ने इनको आरएसएस की जिम्मेदारी सौंपी जिसे इन्होंने बखुबी निभाया। आज देश भर में जो सरस्वती शिशु मंदिर देख रहे हैं उसकी स्थापना इन्होंने है सर्वप्रथम गोरखपुर में की थी। मरने से पहले ही अपने शरीर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में दान का कागज बनाबा सौंप दिए।

      भूपेन हजारिका

     भूपेन हजारिका को कौन नहीं जानता। उनका गीत रुदाली फिल्म का दिल हुम हुम करें लोगों के जुबान पर हमेशा रहेगा। उनका जन्म असम में हुआ था। वह महान गीतकार, संगीतकार और गायक के साथ साथ निर्माता निर्देशक भी रहे। असमिया, बंगला, हिंदी फिल्मों में  गीत संगीत और फिल्म निर्माण में इनका विशेष योगदान रहा है। इनके गाए गीत संगीत समाजिक मुद्दे पर था, जो लोगों के मन में एक अलग छाप छोड़ी।

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