महिलाओं के पीरियड संबंधित कुछ बातें

    हर महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण युटेरस से नियमित तौर पर रक्त निकलता है जिसे पीरियड या मासिक धर्म कहते हैं। यह हर महीने 21-35 दिनों के अंतराल पर आता है।‌ जो 3-4 दिन के लिए आता है। यह 11-13 उम्र में शुरू होती है और 45-50 में खत्म हो जाती है। आजकल सोशल मीडिया का जमाना है। हम पढ़ कर अपने बच्चों को पीरियड से जुड़े हर बात समझा सकते हैं, जिससे वो किसी तरह का गलतफहमी ना पालें, घबराएं नहीं..

    पीरियड क्यों होता है- पीरियड का मतलब है कि लड़कियां अब प्रजनन करने योग्य हो गई है। उनके अंडाशय अब अंडा बनाने के काबिल हो गई है। पीरियड हमारे शरीर का एक अहम प्रक्रिया है जिस कारण हम एक नयी जिंदगी का निर्माण करते हैं। इस कारण महिलाएं मां बनते हैं। बहुत लोग इस बारे में बात करने में शर्माते हैं, लेकिन ये ग़लत है। हम जानकारी लेकर ही इसके बारे में सारी बातें जान सकते ।

    जब पहला पीरियड आए.... एक लड़की को जब 11 साल में पहला पीरियड ‌‌‌‌आया, वो अपने नीचे खून देख बहुत डर गई। उसे लग रहा था कि कोई बीमारी तो ना‌ हो गई, अब वो‌ मर जाएंगी क्या। इसलिए हमें अपने बच्चों को‌ लड़का हो या लड़की बताना चाहिए। क्योंकि कल‌ को‌ वो डरे नहीं इसका सामना करें।

   11 साल की उम्र से हमें अपने बच्चों को पीरियड के बारे में ‌‌‌‌‌‌बताना चाहिए। कि जब कभी खून आए तो सीनेटरी पैड युज करें। दिन में 6 घंटे से ज्यादा एक पैड‌ युज ना करें। घबराएं नहीं, ये नार्मल शारीरिक बदलाव की निशानी है।

    पीरियड में लगता है कि बहुत खुन‌ आ रहा है लेकिन ‌‌‌पुरे 3-4 दिन के पीरियड के दौरान बस 2-3 चम्मच ही खुन‌ गिरता है जो‌ आधा कप के बराबर होता है।

    पीरियड के दौरान किसी किसी को ‌‌‌हाथ‌ पैर कमर में बहुत दर्द होता है, जिसकी दवाई ले सकते हैं।

    कुछ लोग कहते इन दिनों नहाना‌ नहीं चाहिए। किचन में नहीं जाना चाहिए। ये सब ढकोसला है। पहले लोग को आराम देने के लिए ये नियम बने। बाद‌ में इसे लोगों ने अपने ‌‌‌‌‌‌अनुसार नियम बना दिया।

‌   आचार, पापड़ नहीं छुना‌ चाहिए। फूलों को पानी नहीं देना चाहिए, ये सब बेबुनियाद, ढकोसली बातें हैं। ऐसा कुछ नहीं है जो आप पीरियड में नहीं कर सकते।‌‌‌‌‌‌‌‌‌ हिंदू धर्म में इसे अछूत माना गया है तो पूजा पाठ में अलग रखा जाता है।‌

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