भगवान कृष्ण के कुछ उपदेश जो जीवन सफल का मूलमंत्र है

     महाभारत युद्ध शुरू हो चुका था। सारे महारथी अपनी अपनी सेनाओं और अस्त्र- शस्त्र के साथ मैदान में आ डटे थे। युद्ध का शंखनाद हो गया था लेकिन अर्जुन के हाथ‌ शस्त्र पर उठा ही नहीं। अर्जुन मौन हो गये वो किसको मारने जा रहे। वो जिनके साथ बचपन में खेले खुद के चचेरे भाई, या जिस गुरु ने शिक्षा दी, शस्त्र चलाना सिखाया उनपर शस्त्र चलाने जा रहे। ना मुझसे ना होगा, उनके रथ का‌ चक्का स्थिर हो गया। उनका मन‌ युद्ध करने का ना होने लगा तभी भगवान कृष्ण ने सफल जीवन के कुछ मंत्र बताया जो आज भी आप पालन करें तो कोई कष्ट ना हो।

     जानिए सफल जीवन के मंत्र

   * मन पर नियंत्रण- भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि मनुष्य को अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए। ना तब उसका सबसे बड़ा शत्रु मन ही होगा। जैसे हमारा मन दुनिया की हर चीज अपने कदमों में चाहता, ना मिलने पर‌ दुखी रहता। जो चीज पास है उसको‌ भी अच्छी तरह‌ देख नहीं पाते, पुरी जिंदगी कष्ट में ही बीत जाती। 

   * कभी भी गुस्से में फैसला नहीं लेना चाहिए। कभी कभी हम अत्यधिक गुस्से में रहते हैं और कोई फैसला कर डालते। जिससे बाद में पछताना पड़ता है। इसलिए जल्दी और गुस्से में कभी भी कोई फैसला नहीं करना चाहिए। गुस्से में हम सही और ग़लत का फैसला नहीं कर पाते हैं

    * जिंदगी में सबकुछ में "अति" नहीं आना चाहिए। रिश्ते हो,‌ खाना‌‌ हो, कमाई हो, सुख हो, दुख हो‌‌ कोई भी चीज ज्यादा होना मतलब दुख का कारण बन सकता है।‌‌‌ खाना‌ जब अति खा‌ लेते हैं तो पेट कैसे खराब हो जाता यही नियम हर जगह लागू होती है।‌‌‌‌‌‌जीवन‌ में संतुलन बनाए।

   * अपना काम करते थेजाइए फल आपको अच्छा ही मिलेगा। अगर आप अपना काम पुरे लग्न, मेहनत और‌ ईमानदारी से कर रहे तो आपको ‌‌‌फल अच्छा मिलेगा।

    * स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। स्वार्थी इंसान हमेशा बस अपना सोचता है और अंत में अकेला रह जाता है। दोस्त रिश्तेदार सबके साथ वो‌ छल करने से भी नहीं चुकता।
 
   * मृत्यु तय है। शरीर नश्वर है आत्मा आती जाती रहती है।‌ एक शरीर से बदल कर दुसरे शरीर में प्रवेश कर जाती है।‌‌‌‌यह हमारे जीवन की सच्चाई है, सबको एक ना एक दिन मरना है। मृत्यु अटल है। यह सबको आनी है इसलिए इससे डरना ‌‌‌‌‌‌‌ नहीं चाहिए।

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