ट्विंकल जो अभी दुनिया के भीड़ में कदम भी नहीं रखी थी। जिसे अभी अपने पराये की पहचान भी कहां थी, वो तो अभी चाकलेट के एक छोटे बाइट के लिए किसी अनजान के साथ भी घुमने को तैयार थी। उसे लोगों की नियत या नजर थोड़े ही समझ आता था। उसने तो ना फटी स्टाइल की जींस पहनी थी, ना छोटे छोटे कपड़े पहन रखे थे। उसको अभी तक किसी ने नहीं कहा ओढ़नी ठीक से रखो, किसी ने नहीं सिखाया कि लड़कों से दूर रहना, किसी ने उसको अभी तक दुनिया में लड़कियों को कैसे रहना चाहिए नहीं बताया। लड़कियों के लिए कितने नियम कानून है कहां जानती थी।
क्यूं नहीं जानती थी ये सब क्योंकि वो लड़की थी कहां वो तो - एक मासूम कली थी। जो दुनिया में अभी 3 साल पहले ही आई थी, दुनिया देखी भी कहां थी। जो अभी एक चाकलेट, गुड़िया तो खिलौने के लिए रोती। एक सुई चुभने पर पुरा अस्पताल सर पर उठा लेती थी। उसके साथ ये बर्बता करने वाले जानवर एक बार भी उस मासूम कली की हंसी ना देखे थे।
लोग दुसरे के बच्चों को सीने से लगा कर रखते, जब पता चला वो #@@##@## रेपिस्ट अपनी बेटी को ना छोड़ा तो... शायद उसी समय उस दरिंदों को मार डाला होता तो आज ट्विंकल बच जाती। किस धर्म के के हमें उससे कोई मतलब नहीं, उनलोगों को बीच चौराहे पर खड़ा कर पत्थर से मार देना चाहिए।
केंडिल मार्च और हैशटैग ट्रेंडिंग से कुछ नहीं होगा, हमें आवाज उठानी होगी। जब तक हम लोग सब मिलकर उसका विरोध ना करेंगे कुछ नहीं होगा। ना जाने ऐसी ट्विंकल और कितनी भेंट चढ़ गई। इनको सजा दिलवाने वाले कम उनको बचाने वाले ज्यादा दिखते। उन जैसे दरिंदों के लिए वकील नहीं मिलना चाहिए।
जो उसके सपोर्ट में दिखे उसे समाज से बाहर कर देना चाहिए। उसके घर वाले भी कहीं न कहीं इस सब के लिए जिम्मेदार हैं। जब उसने पहली बार किसी लड़की का दामन छुआ होगा, बुरे नजर से उसी समय उसका हाथ काट देना था।
समाज को बदलना होगा, लड़कियों के लिए दुनिया भर के नियम कानून, लड़कों को भी सीख देना होगा। लड़कों को भी दुनिया में रहने के नियम बनाने होंगे। ना तब एक दिन ऐसा आएगा जैसे लड़कियों को जन्म के पहले मार देते या कचड़े में फेंक देते लोग लड़कों को फेंकने लगेंगे। लड़कों के जन्म के बाद माता-पिता इसी डर में रहेंगे कहीं किसी बेटी की मौत का कलंक ना ले आए।
क्यूं नहीं जानती थी ये सब क्योंकि वो लड़की थी कहां वो तो - एक मासूम कली थी। जो दुनिया में अभी 3 साल पहले ही आई थी, दुनिया देखी भी कहां थी। जो अभी एक चाकलेट, गुड़िया तो खिलौने के लिए रोती। एक सुई चुभने पर पुरा अस्पताल सर पर उठा लेती थी। उसके साथ ये बर्बता करने वाले जानवर एक बार भी उस मासूम कली की हंसी ना देखे थे।
लोग दुसरे के बच्चों को सीने से लगा कर रखते, जब पता चला वो #@@##@## रेपिस्ट अपनी बेटी को ना छोड़ा तो... शायद उसी समय उस दरिंदों को मार डाला होता तो आज ट्विंकल बच जाती। किस धर्म के के हमें उससे कोई मतलब नहीं, उनलोगों को बीच चौराहे पर खड़ा कर पत्थर से मार देना चाहिए।
केंडिल मार्च और हैशटैग ट्रेंडिंग से कुछ नहीं होगा, हमें आवाज उठानी होगी। जब तक हम लोग सब मिलकर उसका विरोध ना करेंगे कुछ नहीं होगा। ना जाने ऐसी ट्विंकल और कितनी भेंट चढ़ गई। इनको सजा दिलवाने वाले कम उनको बचाने वाले ज्यादा दिखते। उन जैसे दरिंदों के लिए वकील नहीं मिलना चाहिए।
जो उसके सपोर्ट में दिखे उसे समाज से बाहर कर देना चाहिए। उसके घर वाले भी कहीं न कहीं इस सब के लिए जिम्मेदार हैं। जब उसने पहली बार किसी लड़की का दामन छुआ होगा, बुरे नजर से उसी समय उसका हाथ काट देना था।
समाज को बदलना होगा, लड़कियों के लिए दुनिया भर के नियम कानून, लड़कों को भी सीख देना होगा। लड़कों को भी दुनिया में रहने के नियम बनाने होंगे। ना तब एक दिन ऐसा आएगा जैसे लड़कियों को जन्म के पहले मार देते या कचड़े में फेंक देते लोग लड़कों को फेंकने लगेंगे। लड़कों के जन्म के बाद माता-पिता इसी डर में रहेंगे कहीं किसी बेटी की मौत का कलंक ना ले आए।
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