14 फरवरी मतलब वेलेंटाइन मतलब प्यार का दिन। इस दिन हम लोग अपने प्यार को हमेशा के लिए अपना बना लेते हैं।कल ना जाने कितने जोड़े जन्म जन्मांतर तक साथ निभाने के वादे करेंगे। लेकिन क्या पुरी जिंदगी ये वादे निभाने के लिए ये वादे किए या फिर कुछ पल के शारीरिक खुशी के लिए।
कुछ लोग वेलेंटाइन की विश कर रहे तो कुछ लोगों का मैसेज आ रहा कि 14 फरवरी का रिजल्ट अगले 4-5 महीने में पोलिथिन में फेंका रहेगा ना तब 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जायेगा वो भी बिना पिता के,ना तब बच्चा कचड़ा के ढेर में मिलेगा। क्या आपको ये सही लगता है। जिससे आप प्यार के इतने वादे किए,जो आप पर सब कुछ हार दी आपने उसको ही नहीं छोड़ा।
कुछ लोग वेलेंटाइन की विश कर रहे तो कुछ लोगों का मैसेज आ रहा कि 14 फरवरी का रिजल्ट अगले 4-5 महीने में पोलिथिन में फेंका रहेगा ना तब 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जायेगा वो भी बिना पिता के,ना तब बच्चा कचड़ा के ढेर में मिलेगा। क्या आपको ये सही लगता है। जिससे आप प्यार के इतने वादे किए,जो आप पर सब कुछ हार दी आपने उसको ही नहीं छोड़ा।
ये प्यार क्या है...
प्यार सुनने में छोटा सा शब्द और जब अर्थ निकालोगे तो पुरी जिंदगी कम पर जाती है। प्यार एक एहसास है जब आपको प्यार हो जाता है ना तब सारी दुनिया गलत और सिर्फ और सिर्फ आपका प्यार सही लगता है। प्यार आपका एक दिन ना मिले तो आप बेचैन हो जाते हो। उसकी खुशी के लिए आप दुनिया से लडने को तैयार रहते,क्या उस प्यार को यूं दुर करना सही है।कल वेलेंटाइन पर अगर आप अपने प्यार से पुरी जिंदगी साथ निभाने का वादा करते हैं तो उसको दिल से निभाएं ना की प्यार का मजाक बना कर..
प्यार हर स्टेज का..
प्यार हर किसी को होता है आज आपको हर उम्र के प्यार करने वालों की बात बताते हैं..एक बच्चा भी वेलेंटाइन मनाता है बस उसका अंदाज अलग होता..
प्यार का हर स्टेप...
एक छोटा बच्चा जिसके लिए उसकी मां ही उसकी पुरी दुनिया होती है।और मां भी बस बच्चों पर अपना सारा प्यार लुटा देती है।बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाता है वेलेंटाइन डे के दिन पुरे दिन मेहनत कर अपनी मां के लिए एक छोटा सा गिफ्ट लेकर मां को विश करता है मां और बेटे के लिए वही सबसे अच्छा वेलेंटाइन डे है। बच्चा बड़ा होता है..काॅलेज जाने लगता है..
काॅलेज में पढ़ने वाली एक लड़की, जिससे बात करना, उसका साथ सब अच्छा लगता है। उसकी हर खुशी को पुरी करना उसकी पहली ख्वाइस होती है। वेलेंटाइन डे पर प्रप्रोज कर पुरी जिंदगी के लिए उसे अपना बना लेता है।फिर शादी के बाद बच्चों और घर की जिम्मेदारी के साथ वह अपनी वेलेंटाइन गर्ल को हर खुशी देता है। वेलेंटाइन में अब रोज दे ना दे ,होटल ले जाएं ना जाए लेकिन उस दिन दोनों साथ में समय जरुर बिताया करते। फिर जब बच्चों की शादी कर दोनों अकेले रह जाते हैं।
तो भी वेलेंटाइन मनाते हैं। लड़की एक कप चाय और मुस्कान के साथ हाजिर रहती।लड़का चश्मा के कोने से देखते रहता। दोनों बालकनी में बैठ कर चाय पीते।ये है वेलेंटाइन... जहां आप अंत तक एक दूसरे का साथ देते।
आजकल जैसे ना कि बस शरीर के सुख के लिए प्यार करें। वेलेंटाइन डे की मुहब्बत को पाक बनाए ना कि बदनाम करें। आप भी वेलेंटाइन मनाएं लेकिन पुरी जिंदगी साथ निभाने के लिए ना कि बीच में छोड़ कर जाने के लिए।ना ही कचड़े में निशानी छोड़ देने के लिए।...
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