प्रयाग राज कुंभ मेला 2019 मकर संक्रांति से शुरू होगा और महाशिवरात्रि के दिन समाप्त हो रहा है। हिन्दू धर्म के अनुसार कहा जाता है कि कुंभ मेला मे पवित्र नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं।इस साल कुंभ स्नान का तीस साल बाद अद्भुत संयोग बन रहा है।कहा जाता है कि परिवार में जितने सदस्य हैं सबके बदले एक डुबकी लगाना चाहिए नहीं तो कम से कम 3 डुबकी जरूर मारना चाहिए।
15 जनवरी से कुंभ मेला शुरू हो रहा है।पहले कुंभ मेला में शाही स्नान होता है जिसमें अखाड़ा से नागा साधु सब आकर स्नान करते हैं। अखाड़ों के संन्यासी जब शाही स्नान के लिए आते हैं घोड़े, हाथी,ढोल नगाड़ों के साथ आते हैं।जब अखाड़े नहाने लगते उस समय सारे आम आदमी बगल हो जाते हैं ।
अखाड़ा के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं...
'अखाड़ा' शब्द 'अखण्ड' शब्द का अपभ्रंश है।जिसक अर्थ कभी न विभाजित होने वाला । अखाड़ा मठों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सामाजिक मुल्यों को बनाए रखना होता है। अखाड़ा सामाजिक व्यवस्था,नैतिकता, संस्कृति और एकता का प्रतीक है।इसके धर्म गुरुओं के चयन के समय यह विशेष ध्यान रखा जाता है कि उनका जीवन सदाचार, परोपकार, कर्मठता,संयम,धर्ममय,दूरदर्शिता हो।भारतीय संस्कृति और एकता इन्हीं अखाड़ों के बल पर जीवित है।अखा अखा मठों में एक विशेष प्रकार का नागा साधुओं का एक विशेष संगठन है।प्रत्येक नागा साधु किसी न किसी अखाड़े से संबंधित होते हैं।ये संन्यासी शास्त्र और शस्त्र दोनों में पारंगत होते हैं।
अखाड़ों को इंष्ट देव के आधार पर बांटा गया है।तीन तरह के अखाड़े हैं- शैव अखाड़ा,वैष्णव अखाड़े,और उदासीन अखाड़ा..
शैव अखाड़ा- इस अखाड़े में शिव के मानने वाले लोग होते हैं।ये भगवान शिव की पूजा करते हैं।शैव अखाड़ा के नाम- 1. श्री पंंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी (उत्तर प्रदेश)
2. श्री पंच पटल अखाड़ा -( उत्तर प्रदेश)
3. श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी-( उत्तर प्रदेश)
4. श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती -( महाराष्ट्र)
5. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा (उत्तर प्रदेश)
6. श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा (उत्तर प्रदेश)
7. श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा (गुजरात)
वैष्णव अखाड़ा - नाम के अनुसार इसमें वैष्णव सम्प्रदाय के लोग के । मानने वाले साधु होते हैं। वैष्णव अखाड़ा के नाम-8. श्री दिगम्बर अनी अखाड़ा (गुजरात)
9. श्री निर्वाणी आनी अखाड़ा (उत्तर प्रदेश)
10. श्री पंच निर्मोही अपनी अखाड़ा मथुरा ( उत्तर प्रदेश)
उदासीन अखाड़ा - यह अकाखाड़ा सिक्ख सम्प्रदाय के आदि गुरु श्री नानकदेव के पुत्र श्री चंद्रदेव जी को उदासीन मत का प्रवर्तक माना जाता है।इस संप्रदाय के अनुयाई ‘ॐ’ की उपासना करते हैं।11. श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा (उत्तर प्रदेश)
12. श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन (उत्तराखंड)
13. श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा (उत्तराखंड)
इस बार जरूर आएं कुंभ मेला नहाने। उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ ने बहुत सुंदर व्यवस्था किया है।एक बुढ़ी माता का कहना है कि कुंभ तो बहुत देखे लेकिन इतना सुन्दर व्यवस्था कभी नहीं देखा।योग जी ने संगम पर 10 किलोमीटर लंबे घाट और चैंजिंग रुम बनवाया है।स्वचछता को देखते हुए 22 हजार 500 शौचालय बनाए गए हैं।साफ सफाई के लिए 20हजार कर्मचारियों को रखा गया है।
नदी पर बेरीकेडिंग लगाई गई है।जगह जगह पर सीसीटीवी और वीडियो एनालिटिक की व्यवस्था की गई है। 40,000 एल ई डी लाईट और स्पाइरल लाइट लगाई गई है।लेजर शो के जरिए सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाने की व्यवस्था की गई है। यात्रियों के लिए सेल्फी पोंइट,फुड कोर्ट,काॅपी प्याइंट जगह जगह पर दिया गया है।
विदेशी सैलानियों के लिए टेंट सिटी की व्यवस्था है।20,0000 से ज्यादा लोगों को रहने खाने की व्यवस्थ की गई है।भंडारे की भी पुरी व्यवस्था है। 100 वेड का हाइटेक अस्थाई अस्पताल बनाया गया है। जिसमें फिजीशियन, डेंटल, स्किन आदि से जुड़े विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, पैथोलॉजी जैसी सुविधाएं भी इस अस्पताल में उपलब्ध है।इलाज का सारा खर्चा सरकार उठाएगी और इलाज से लेकर दवाइयां तक रोगियों को मुफ्त दी जाएंगी।
15 जनवरी से कुंभ मेला शुरू हो रहा है।पहले कुंभ मेला में शाही स्नान होता है जिसमें अखाड़ा से नागा साधु सब आकर स्नान करते हैं। अखाड़ों के संन्यासी जब शाही स्नान के लिए आते हैं घोड़े, हाथी,ढोल नगाड़ों के साथ आते हैं।जब अखाड़े नहाने लगते उस समय सारे आम आदमी बगल हो जाते हैं ।
अखाड़ा के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं...
'अखाड़ा' शब्द 'अखण्ड' शब्द का अपभ्रंश है।जिसक अर्थ कभी न विभाजित होने वाला । अखाड़ा मठों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सामाजिक मुल्यों को बनाए रखना होता है। अखाड़ा सामाजिक व्यवस्था,नैतिकता, संस्कृति और एकता का प्रतीक है।इसके धर्म गुरुओं के चयन के समय यह विशेष ध्यान रखा जाता है कि उनका जीवन सदाचार, परोपकार, कर्मठता,संयम,धर्ममय,दूरदर्शिता हो।भारतीय संस्कृति और एकता इन्हीं अखाड़ों के बल पर जीवित है।अखा अखा मठों में एक विशेष प्रकार का नागा साधुओं का एक विशेष संगठन है।प्रत्येक नागा साधु किसी न किसी अखाड़े से संबंधित होते हैं।ये संन्यासी शास्त्र और शस्त्र दोनों में पारंगत होते हैं।
अखाड़ों को इंष्ट देव के आधार पर बांटा गया है।तीन तरह के अखाड़े हैं- शैव अखाड़ा,वैष्णव अखाड़े,और उदासीन अखाड़ा..
शैव अखाड़ा- इस अखाड़े में शिव के मानने वाले लोग होते हैं।ये भगवान शिव की पूजा करते हैं।शैव अखाड़ा के नाम- 1. श्री पंंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी (उत्तर प्रदेश)
2. श्री पंच पटल अखाड़ा -( उत्तर प्रदेश)
3. श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी-( उत्तर प्रदेश)
4. श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती -( महाराष्ट्र)
5. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा (उत्तर प्रदेश)
6. श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा (उत्तर प्रदेश)
7. श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा (गुजरात)
वैष्णव अखाड़ा - नाम के अनुसार इसमें वैष्णव सम्प्रदाय के लोग के । मानने वाले साधु होते हैं। वैष्णव अखाड़ा के नाम-8. श्री दिगम्बर अनी अखाड़ा (गुजरात)
9. श्री निर्वाणी आनी अखाड़ा (उत्तर प्रदेश)
10. श्री पंच निर्मोही अपनी अखाड़ा मथुरा ( उत्तर प्रदेश)
उदासीन अखाड़ा - यह अकाखाड़ा सिक्ख सम्प्रदाय के आदि गुरु श्री नानकदेव के पुत्र श्री चंद्रदेव जी को उदासीन मत का प्रवर्तक माना जाता है।इस संप्रदाय के अनुयाई ‘ॐ’ की उपासना करते हैं।11. श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा (उत्तर प्रदेश)
12. श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन (उत्तराखंड)
13. श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा (उत्तराखंड)
इस बार जरूर आएं कुंभ मेला नहाने। उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ ने बहुत सुंदर व्यवस्था किया है।एक बुढ़ी माता का कहना है कि कुंभ तो बहुत देखे लेकिन इतना सुन्दर व्यवस्था कभी नहीं देखा।योग जी ने संगम पर 10 किलोमीटर लंबे घाट और चैंजिंग रुम बनवाया है।स्वचछता को देखते हुए 22 हजार 500 शौचालय बनाए गए हैं।साफ सफाई के लिए 20हजार कर्मचारियों को रखा गया है।
नदी पर बेरीकेडिंग लगाई गई है।जगह जगह पर सीसीटीवी और वीडियो एनालिटिक की व्यवस्था की गई है। 40,000 एल ई डी लाईट और स्पाइरल लाइट लगाई गई है।लेजर शो के जरिए सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाने की व्यवस्था की गई है। यात्रियों के लिए सेल्फी पोंइट,फुड कोर्ट,काॅपी प्याइंट जगह जगह पर दिया गया है।
विदेशी सैलानियों के लिए टेंट सिटी की व्यवस्था है।20,0000 से ज्यादा लोगों को रहने खाने की व्यवस्थ की गई है।भंडारे की भी पुरी व्यवस्था है। 100 वेड का हाइटेक अस्थाई अस्पताल बनाया गया है। जिसमें फिजीशियन, डेंटल, स्किन आदि से जुड़े विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, पैथोलॉजी जैसी सुविधाएं भी इस अस्पताल में उपलब्ध है।इलाज का सारा खर्चा सरकार उठाएगी और इलाज से लेकर दवाइयां तक रोगियों को मुफ्त दी जाएंगी।
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