मकर संक्रांति 14 को है या 15 को जानें...

       मकर संक्रांति हिंदू धर्म का अंग्रेजी कैलेंडर का न्यू ईयर शुरू होने पर का पहला पर्व है। मकर संक्रांति और विश्वकर्मा पूजा ही दो ऐसा पर्व है जो हमेशा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। मकर संक्रांति बरसों से 14 जनवरी को होता आ रहा है जिसमें सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो हम यह पर्व मनाते हैं लेकिन इधर 7-8 सालों से इस तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है कि इस साल मकर संक्रांति कब होगी 14 या 15 को.... 

     मकर संक्रांति अलग अलग राज्यों में अलग अलग तरह से मनाया जाता है। मकर संक्रांति, पोंगल, उत्तरायण, लोहड़ी, माघी, खिचड़ी आदि नामों से भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से नये फसल आने की खुशी में मनाया जाता है। इस समय चावल, पोहा या चुरा, गुड़, चना, गेहूं आदि नये फसल आने की खुशी को अपने अपने ढंग से इजहार करते हैं... जैसे बिहार में इस दिन दही चुरा गुड़ खाते, गुजरात में पतंग उड़ाते, महोत्सव होता, पंजाब में लोहड़ी मनाते हैं जिसमें तिल का लड्डू, गजक आदि खाते...  अब जानते हैं मकर संक्रांति है कब...

मकर संक्रांति पर घर में गाढ़ा दही जमाने का तरीका

       मकर संक्रांति 14 को है या 15 को जानें.....

    जब सुर्य कुंभ राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति मनाया जाता है, तो साल 2023 में संक्रांति 14 जनवरी के रात 8.21 मिनट पर शुरू ही होगी और 15 जनवरी को शाम 5.46 तक रहेगा। 14 जनवरी को इसलिए मकर संक्रांति नहीं माना जाएगा... 15 जनवरी सुबह 6.46 से 9.15 तक संक्रांति का सबसे शुभ मुहूर्त है। इसमें आप सुर्य भगवान की पूजा करें।

        कुछ लोग शनिवार कह खिचड़ी या रविवार को तिल नहीं छू सकते हैं इसलिए 14 को मकर संक्रांति मान रहे लेकिन उस दिन का क्या पूजा जब संक्रांति है ही नहीं... लेकिन एक बात ये भी है अगर आपके आस पास जैसे लोग कर रहे वैसे ही पूजा करना चाहिए। लोकाचार और पुरोहित की बात जब आए तो हमेशा लोकाचार अपनाएं।

     मकर संक्रांति पर करें ये उपाय....

      * मकर संक्रांति पर भगवान सुर्य को एक लाल फूल और तिल गंगा जल एक लोटा में रख कर अवश्य चढ़ाएं।

     * मकर संक्रांति पर गंगा स्नान संभव हो तो अवश्य करें। नहीं तो घर के बाल्टी में गंगा जल मिला कर स्नान करें।

     *  इस दिन तिल, कंबल, ऊनी वस्त्र कुछ भी दान अवश्य करें।

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