8 मार्च को पुरी दुनिया इंटरनेशनल वोमेन्स डे मनाएगी। सब बधाई देते, लोगों के लंबे चौड़े भाषण और लेख आते हैं, लेकिन क्या सचमुच में वो महिला दिवस मनाते हैं। अगर महिला दिवस मनाते तो आए दिन रेप, गर्भ में बेटियों को मारना, दहेज हत्या कब का खत्म हो चुका होता। आज भी हर रोज ना कितनी महिलाएं, बच्ची रेप का शिकार बनती हैं। भारत में हर 6 घंटे में एक रेप हो जाता। सबसे ज्यादा दक्षिण अफ्रीका में रेप होता, हर रोज लगभग 1400 लड़कियां इसकी शिकार बनती, इनमें 20% पुरुष भी है जो रेप का शिकार होते।
अमेरिका में भी इसकी संख्या कम नहीं है, वहां भी लगभग 12-16 साल की लड़कियों का 83 फीसदी किसी ना किसी रूप में यौन हिंसा का शिकार रही है। हमारे देश भारत में पिछले 10 सालों में लगभग 1.5 करोड़ लड़कियों को गर्भ में ही मार डाला गया। बस international Women's day की बधाई देने से कुछ नहीं होगा, कम से कम उनको अच्छी तरह जीने का अधिकार दे दें और कुछ नहीं चाहिए उनको। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस थीम international Women's day theme
महिलाएं तो ऊपर वाले की बनी वो बेल की लताएं है जिनको आगे बढ़ने के लिए किसी सहारे की जरूरत नहीं, वो तो खुद अपना रास्ता बनाते जाती। बस उन्हें जीने का मौका दें, उन्हें इज्जत दे...
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