दैवीय और औषधीय गुणों से भरपूर है गुलर, जानें इसका महत्व

        गुलर का नाम सब लोग सुने ही होंगे। हवन पूजन में लगता है साथ ही इसका आयुर्वेदिक इलाज भी करवाएं ‌‌‌होंगे। गूलर भारत सहित दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भी पाया जाता है। गूलर को अलग अलग जगहों पर अलग अलग नाम से जाना जाता है। संस्कृत में उडूम्बर, बांग्ला में डुमुर, मराठी में उदुम्बर, गुजरात में उम्बड़ा, उर्दू में जमीझ और फारसी में अंजीरे कहते हैं। इसका फल अंजीर जैसा होता है।

     इसके फल से सफेद सफेद दूध निकलता है। दूध को थोड़ी देर रखने पर पीला पर जाता है। यह सालों भर पेड़ पर उगता है। इसलिए इसको सदाफल भी कहते हैं। गुलर का पेड़ विशाल और घना होता है। फल कच्चे होने पर हरा और पकने पर लाल होता है।

   हम गूलर के बारे में विस्तार से बताते हैं। इसकी उत्पत्ति, कहां पाया जाता है, इसके क्या क्या फायदे हैं। गुलर के फल, फूल सब के बारे में। आपको पसंद आए तो दोस्तों शेयर करें, सब्सक्राइब करें......

        गुलर की उत्पत्ति-- 

   गूलर की उत्पत्ति का कोई फिक्स समय तो पता नहीं है। आगे जरुर बताएंगे। लेकिन गूलर के पेड़ के फल‌ को बीचों बीच काटने पर बहुत सारे कीड़े पाएं जाते हैं जो नर और मादा दोनों रहते जो फल के बीज से परागण कर‌ फिर नया पेड़ उसी कीड़े के कारण उत्पन्न होता है।  गूलर में पानी 81.9 ग्राम, वसा 0.6 ग्राम, प्रोटीन 1.3 ग्राम, राख 0.6 ग्राम, नाइट्रोजन 0.21 ग्राम, कैल्शियम 7.20%, फास्फोरस 6.71%, मैग्नीशियम 8.335%, विटामिन बी २ 30.77%, आयरन 16.25%, पाया जाता है।

        गूलर के औषधीय गुण.....

   * डायबिटीज़ रोगियों को गूलर के फल को पीसकर या उसकी सब्जी बनाकर खिलाने से बहुत लाभ मिलता है।
   * अगर किसी को खूनी बवासीर है तो गूलर के फल के सुखाकर बारीक पीस लें और चीनी के साथ सुबह-शाम लें ठीक हो जाएगा।
   * अनियमित पीरियड हो या अत्यधिक मात्रा में खून निकल रहा हो, गूलर के फल का रस और शहद लें ठीक हो जाएगा।
    * दिल के रोगियों के लिए गूलर के पत्तों के रस का सेवन फायदेमंद होता है।
   * सफेद पानी की शिकायत हो जिन महिलाओं को वो  10-15 ग्राम गूलर के पेड़ की छाल को पीसकर, 1 पाव पानी में खौलाएं जब वो आधा बचे तो मिश्री मिलाकर पीएं लाभ होगा।   * अत्यधिक मात्रा में सफेद पानी गिरता है तो इसका पका फल और सब्जियां खाएं।
    * मुंह में छाला हो जाए तो इसके पत्तों या छाल को कुछ देर मुंह में रखें।
    * गूलर का दूध फोड़े पर लगाने से बैठ जाता ना तब पक गया हो तो बह जाता।

      गूलर के टोटके....

   * किसी का शुक्र भारी चल रहा हो तो गूलर के जड़ को साफ कर, गंगाजल से धोकर मंदिर में चढ़ा ऊं शुक्राय नमः 108 बार पढ़ लें, फिर चांदी के लोकेट में डाल पहन लें, फायदा होगा।
   * नवग्रह शांति में भी गूलर के लकड़ी उपयोग होता है।
    * शादी में बहुत जगह गूलर का बहुत बड़ा उपयोग माना जाता है।
    

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