सावन बाबा भोलेनाथ का प्रिय महिना है। सावन का वैसे तो सब दिन खास है लेकिन सोमवार को विशेष पूजा अर्चना की जाती है। हम भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उस दिन मंदिर में बहुत चीज चढ़ाने जाते हैं। लेकिन आपको ये पता होना चाहिए कि भगवान शिव को क्या क्या पसंद है क्या नहीं पसंद हैं। शिवपुराण में वर्णित है उसी के अनुसार कहा जाता है।
सब देवता को सब चीजें नहीं चढ़ाना चाहिए। सबके अपने फायदे हैं सबके अपने नुकसान। भोलेनाथ को आक धतूरा भांग पसंद है लेकिन बहुत सी चीजें उनको चढ़ाने से आपको लाभ के बदले हानि पहुंचा सकती है। आइए पहले जानें कि भगवान शिव को क्या क्या नहीं चढ़ाना चाहिए.....
* शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। हिंदू धर्म में शंख बहुत पवित्र माना जाता है, सभी पूजा में लगभग इसका उपयोग होता है। लेकिन शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाते हैं क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड नामक दैत्य का वध किया था जो शंख का सूचक है। इसलिए शंख से जल नहीं चढ़ाते।
* भगवान भोलेनाथ को तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए। तुलसी विष्णु भगवान को चढ़ता है और भी भगवान को लेकिन शंकर जी को चढ़ाने पर पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है।
* शिवलिंग पर नारियल चढ़ता है लेकिन नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। नारियल माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
* शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ता है। हल्दी सौंदर्य प्रसाधन के काम आता है जो स्त्री के लिए माना जाता है। शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है इसलिए शिवलिंग पर हल्दी निषेध हैं।
* शिवलिंग पर टुटा चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। अक्षत में पूर्ण चावल चढ़ाएं। टुटा चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है।
* कुमकुम भी नहीं चढ़ता है शिवलिंग पर क्योंकि यह सौभाग्य का प्रतीक है और शिव वैरागी है तो इनको कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए।
* शिवलिंग पर काला तिल भी नहीं चढ़ता है क्योंकि यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ है।
सब देवता को सब चीजें नहीं चढ़ाना चाहिए। सबके अपने फायदे हैं सबके अपने नुकसान। भोलेनाथ को आक धतूरा भांग पसंद है लेकिन बहुत सी चीजें उनको चढ़ाने से आपको लाभ के बदले हानि पहुंचा सकती है। आइए पहले जानें कि भगवान शिव को क्या क्या नहीं चढ़ाना चाहिए.....
* शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। हिंदू धर्म में शंख बहुत पवित्र माना जाता है, सभी पूजा में लगभग इसका उपयोग होता है। लेकिन शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाते हैं क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड नामक दैत्य का वध किया था जो शंख का सूचक है। इसलिए शंख से जल नहीं चढ़ाते।
* भगवान भोलेनाथ को तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए। तुलसी विष्णु भगवान को चढ़ता है और भी भगवान को लेकिन शंकर जी को चढ़ाने पर पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है।
* शिवलिंग पर नारियल चढ़ता है लेकिन नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। नारियल माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
* शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ता है। हल्दी सौंदर्य प्रसाधन के काम आता है जो स्त्री के लिए माना जाता है। शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है इसलिए शिवलिंग पर हल्दी निषेध हैं।
* शिवलिंग पर टुटा चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। अक्षत में पूर्ण चावल चढ़ाएं। टुटा चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है।
* कुमकुम भी नहीं चढ़ता है शिवलिंग पर क्योंकि यह सौभाग्य का प्रतीक है और शिव वैरागी है तो इनको कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए।
* शिवलिंग पर काला तिल भी नहीं चढ़ता है क्योंकि यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ है।
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