जलियाँवाला_बाग़ कांड के 100 साल पुरे हुए। यह ठीक 100 साल पहले पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग में वैशाखी पर्व के दिन हुआ था। एक बाग जिसमें ना जाने कितनी कली थी, बच्चे,बुढे , महिलाएं सैंकड़ों निहत्थे लोगों को ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर ने मार डाला था। कितने मासूम घायल हो गए।
आज भी वहां के जर्रे जर्रे में शहीद वीरों की निशानी मौजूद हैं। हमारे देश के वीर जब आज़ादी की लड़ाई कर रहे थे तो अंग्रेजो ने उनको रोकने के लिए ये सब किया लेकिन इस हत्याकांड से उनके हौसले और बुलंद हो गए।
जलियांवाला बाग कांड क्यों हुआ
6 फरवरी 1919 को अंग्रेजों ने भारत में रोलेट एक्ट लागू किया। जिसमें लोगों को बिना कोई सबूत या जूर्म के शक के आधार पर पुलिस पकड़ सकती थी। उसको बिना कोर्ट में पेशी के भी शक के आधार पर दो साल तक जेल में बंद किए रह सकते हैं। ब्रिटिश सरकार ये नियम लागू कर क्रांतिकारियों पर काबू पाना चाहती थी। भारत में आजादी की लहर जो शुरू हुई इसको दबाना चाहती थी।
लेकिन इसका विरोध सब लोगों ने मिलकर किया। महात्मा गांधी भी इसका विरोध किए। इसके बाद ही सत्याग्रह आंदोलन पुरे देश में शुरू किया। पुरे देश में ये आंदोलन अहिंसक से हिंसा का रुप ले लिया। पंजाब में दो नेता को गिरफ्तार कर लिया गया , जिससे वहां के लोगों ने रेलवे स्टेशन, तार घर सहित बहुत से सरकारी ऑफिस में आग लगा दिए।
जिसमें कुछ अंग्रेजी सिपाही मारे गए। बस ब्रिटिश सरकार ने पंजाब में ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर को संभालने की जिम्मेदारी सौंपी। जनरल डायर ने पंजाब के कुछ शहरों में मार्शल लॉ लगा दिया। जिसके अंतर्गत तीन या तीन से ज्यादा लोग कहीं खड़े नजर आये तो ब्रिटिश सिपाही तुरंत कब्जे में ले लेंगे। इसके बाद पंजाब के दो चार नेता और पकड़ा गये।
लोगों में गुस्सा बहुत भर गया था। इस नियम को और सख्ती कर दिया गया था। 13 अप्रैल को वैशाखी पर्व पर बहुत सारे लोग अमृतसर मत्था टेकने गये, वहीं बगल में जलियांवाला बाग था वहां भी चले गए।करीब 20,000 लोग जमा थे। कहते हैं डायर को लगा कि वो लोग दंगा करने के उद्देश्य से जमा हुए, इसलिए बिना कुछ सुचना दिए ही लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी।
बाग की चहारदीवारी 10 फीट की ऊंचाई तक थी। लोग भाग भी नहीं पाये, अंदर में एक कुआं था सब जान बचाने के लिए उसमें कुद गये। करीब 1500 लोग शहीद हुए,1000 से ज्यादा घायल हुए। ब्रिटिश सरकार की कहीं निंदा नहीं हो इसलिए उसने 380 लोगों के ही लिस्ट में नाम दर्ज किए।
बाद में हमारे देश के नेता ने जनरल डायर पर मुकदमा किया, ब्रिटिश सरकार ने डायर को सेवानिवृत्त कर दिया आरोपी मान कर। उसके बाद जनरल डायर लंदन रहने लगा। एक दिन हमारे देश से उधम सिंह नाम के क्रांतिकारी ने बदला ले लिया और डायर को गोली मार दी।
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