November 2023- कार्तिक मास का महत्व और त्योहार जानें

      दुर्गा पूजा के साथ ही आश्विन मास का समापन हो जाता है, शरद पूर्णिमा जो आश्विन मास की पूर्णिमा होता वो आज यानी 28 अक्टूबर को है। कल से कार्तिक मास शुरू होगा, कार्तिक मास का बहुत महत्व है। इस मास में लोग कल्पवास के लिए गंगा नदी के किनारे पुरे महीना रहते हैं। कार्तिक मास में बहुत सारे त्योहार भी मनाते हैं दिवाली, धनतेरस, छठ, देव उठनी एकादशी, तुलसी विवाह आदि। इसलिए कार्तिक मास खास माना जाता है। आइए हम इस पोस्ट में आपको कार्तिक मास का महत्व और इसमें होने वाले त्योहार की पुरी लिस्ट बताएंगे....


          कार्तिक मास कब से शुरू हो रहा.....

     कार्तिक मास 29 अक्टूबर रविवार से शुरू हो रहा है। 29 अक्टूबर से गंगा नदी में स्नान कर या घर में स्नान कर आंवला, तुलसी में जल देना चाहिए, सुर्योदय तक स्नान ध्यान कर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए, दीप दान का भी महत्व है। कार्तिक मास 27 नवंबर 2023 को समाप्त होगा।


        कार्तिक मास का महत्व....

     कार्तिक मास का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, इस मास में लगभग सभी देवी देवता की पूजा हो जाती है जैसे करवाचौथ पर चांद की, दिवाली पर मां लक्ष्मी गणेश की, धनतेरस पर धन्वंतरि भगवान की, गोवर्धन पूजा, काली पूजा, छठ पूजा, तुलसी माता आदि... इस लिए इस मास में धर्म कर्म का विशेष महत्व है। कार्तिक मास में दीपदान का, गंगा स्नान का, यज्ञ आदि करने से मोक्ष प्राप्ति होती है।

     चार मास जब भगवान निद्रा में चले जाते हैं कार्तिक मास में ही देवोत्थान एकादशी में जगते हैं तो शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। कार्तिक मास भगवान विष्णु को समर्पित मास है इस मास में तुलसी, आंवला के नीचे रोज दीप जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

     शास्त्रों में कहा गया है - मास में कार्तिक, भगवान में विष्णु, तीर्थ स्थल में बद्रीनाथ, नदी में गंगा जी, शास्त्र में वेद यूग में सतयूग सबसे उत्तम है। 


      कार्तिक मास के व्रत त्यौहार....

   01 नवंबर - बुधवार - करवा चौथ

   05 नवंबर - रविवार - अहोई अष्टमी, 

   09 नवंबर - गुरुवार - रमा एकादशी 

   10 नवंबर - शुक्रवार - धनतेरस, प्रदोष व्रत

   11 नवंबर - शनिवार - काली चौदस

   12 नवंबर - रविवार - दिवाली, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा

   13 नवंबर - सोमवार - कार्तिक अमावस्या, सोमवती अमावस्या

   14 नवंबर - मंगलवार - गोवर्धन पूजा, अन्नकूट पुजा, बाल दिवस 

   15 नवंबर - बुधवार - भैया दूज, चित्रगुप्त पूजा 

   17 नवंबर - शुक्रवार - वृश्चिक संक्रांति, छठ पूजा का नहाय खाय

    18 नवंबर - शनिवार - छठ पूजा का खरना, लाभ पंचमी

    19 नवंबर - रविवार - छठ पूजा संध्या अर्घ्य, सहस्त्रबाहु जयंती 

    20 नवंबर - सोमवार - छठ पूजा सुबह अर्घ्य , गोपाष्टमी 

    21 नवंबर - मंगलवार - आंवला नवमी, अक्षय नवमी, कुष्मांडा जयंती, 

    23 नवंबर - गुरुवार - देवोत्थान एकादशी, देव दीपावली

    24 नवंबर - शुक्रवार - तुलसी विवाह,

    25 नवंबर - शनिवार - वैकुंठ चतुर्दशी, प्रदोष व्रत 

    27 नवंबर - सोमवार - कार्तिक पूर्णिमा 

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