टांसिल्स क्या है......
हमारे गले में कान के नीचे अंदर तरफ से दोनों दिवालों पर एक गद्देदार मांस का तकिया जैसा रहता है। यह हमारे लार ग्रंथि का एक हिस्सा है जो हमारे शरीर को बाहरी इंफेक्शन से बचाता है। जब इसमें संक्रमण होता है तो इसका आकार और रंग दोनों बदल जाता है। ऐसे तो यह हमारे जीभ और गले के अंदर वाले हिस्से जैसा गुलाबी होता है जब इंफेक्शन होता है तो यह सुर्ख लाल हो जाता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है वैसे यह बच्चों में ज्यादा इंफेक्शन होता है।
टांसिल्स के कारण....
टांसिल्स होने के बहुत से कारण होते हैं। ठंड लगना, आइसक्रीम खाने से, धूल मिट्टी के इंफेक्शन से, इम्यून सिस्टम कमजोर होने से, वैक्टीरियल इंफेक्शन से, बहुत तेज और गर्म मसाले दार खाना से, वायरस के हमले से, कब्ज, मुंह की अच्छी तरह सफाई ना रखना, वायरल फ्लू इंफ्लुएंजा जैसे कारण भी है टांसिल्स होने के....
टांसिल्स के लक्षण....
* गले में दर्द और कुछ भी निगलने में बहुत तकलीफ़ होना, यहां तक की स्लाइवा भी ना निगला जाता
* गले में खराश और बदबू
* लाल और सुजन हो टांसिल्स में
* टेंपरेचर शरीर का ज्यादा हो
* सर्दी, जुखाम, सर दर्द
* गर्दन, कान के नीचे दर्द
* कान के पीछे बाहर की तरफ गिल्टी
* कमजोरी, सोने में दिक्कत
टांसिल्स के घरेलू उपचार....
* एक गिलास गर्म पानी में नींबू और नमक मिलाकर गरारे करें। गले के दर्द में राहत मिलती है।
* खाने पीने में गाजर का सेवन अवश्य करें यह गले के इंफेक्शन को रोकने में मददगार है।
* गले में विक्स लगा किसी कपड़े से लपेट कर रखें। ठंडी हवा बिल्कुल नहीं लगने दें।
* तुलसी और शहद मिलाकर लें। तुलसी, अदरक, काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ मिलता है।
* एक गिलास गर्म पानी एक टुकड़ा दालचीनी का या पाउडर जो हो मिला कर शहद के साथ लें।
* रात को सोते समय हल्दी पाउडर और दूध का सेवन अवश्य करें।
अगर इन सबों से भी टांसिल्स खत्म ना हो रहा तो डॉ से अवश्य दिखा लें। ऐसे या 2-3 दिन रहता ही है।
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