जब हम बचपन में रेलवे में सफर करते थे तो कितना मजा आता था। इधर उधर देखते हुए, लगता था कि सारे पेड़ कहीं भागे जा रहे, खिड़की के बगल की सीट होती तो बात ही क्या थी। जब बगल से कोई रेल गुजरती तो कंफ्यूज रहते वो चल रही कि अपनी रेल चल रही। तब हर रेल के डिब्बे में 4-5 अंकों का नंबर लिखा मिलता था तो सोचते ये नंबर कौन सा होगा। कहीं रेल के ड्राइवर का नंबर तो नहीं या फिर स्टेशन का नंबर हो लेकिन वो नंबर का राज जब बड़ी हुई तब पता चला, आज आपके सामने भी वो नंबरों का राज बताउंगी।
भारत में लगभग रोज 11,000 रेल चलती है जिसमें 7000 पसींजर ही चलती है।अब कैसे जानेंगे कि कौन-सा रेल पसींजर है, और कौन सा एक्सप्रेस। ये सब उसी नंबर में लिखे रहते हैं। पहले ये नंबर 4 डिजीट के रहते थे लेकिन साल 2010 के बाद ये नंबर 5 हो गए। सबसे पहले पहला अंक 0-9 तक के नंबर के बारे में जानें....
0 - 0 अगर पहला नंबर है तो मतलब यह स्पेशल ट्रेन है। जैसे छुट्टी के समय या दूर्गा पूजा के लिए जब सरकार बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्पेशल ट्रेन चलाती है।
1 - उसके बाद का नंबर 1 है तो यह लंबी दूरी को दर्शाता है। मतलब यह रेल दूर तक आती जाती है।
2 - यह नंबर भी लंबी दूरी की ट्रेनों को दर्शाता है लेकिन ऐसा तब होता जब रेल का पहला डिजीट 1 से शुरू होता है।
3 - यह कोलकाता सब अर्बन रेल से बारे में बताता है। यह रेल बस कोलकाता या उसके आसपास के इलाकों में बस चलती है। और पुरे भारत में ये नंबर कहीं नहीं मिलता।
4 - 4 नंबर जिस रेल में शुरू होता वो पुरे देश में और कहीं नहीं बस चेन्नई, नई दिल्ली, सिकंदराबाद या अन्य मेट्रोपोलिटन शहर में चलता है। जैसे दिल्ली के मेट्रो ट्रेन का 4NXPX है।
5 - 5 नंबर से शुरू होने वाली रेल पसैंजर ट्रेन होती है। इसमें कन्वेंशनल कोच लगे रहते हैं, इसमें कोई विशेष सुविधा नहीं रहती।
6 - यह एक प्रकार का मेमू ट्रेन होता है। यह कम दुरी वाले दो शहरों के बीच चलता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोज शहर आने जाने के लिए भी है।
7 - इस नंबर से शुरू होने वाली रेल डीएमयू और रेल सर्विस के लिए होती है। इसके आगे पीछे और बीच में डीजल या इलेक्ट्रॉनिक वाले कई इंजन लगे होते हैं।
8 - 8 से शुरू होने वाली रेल पुरी तरह आरक्षित सुपर फास्ट ट्रेन है। जो बहुत कम स्टेशन पर रुकती है।
9 - यह 3 और 4 के तरह ही मेट्रोपोलिटन शहर में चलता है। यह मुंबई के अंदर चलने वाला रेल है।
भारत में लगभग रोज 11,000 रेल चलती है जिसमें 7000 पसींजर ही चलती है।अब कैसे जानेंगे कि कौन-सा रेल पसींजर है, और कौन सा एक्सप्रेस। ये सब उसी नंबर में लिखे रहते हैं। पहले ये नंबर 4 डिजीट के रहते थे लेकिन साल 2010 के बाद ये नंबर 5 हो गए। सबसे पहले पहला अंक 0-9 तक के नंबर के बारे में जानें....
0 - 0 अगर पहला नंबर है तो मतलब यह स्पेशल ट्रेन है। जैसे छुट्टी के समय या दूर्गा पूजा के लिए जब सरकार बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्पेशल ट्रेन चलाती है।
1 - उसके बाद का नंबर 1 है तो यह लंबी दूरी को दर्शाता है। मतलब यह रेल दूर तक आती जाती है।
2 - यह नंबर भी लंबी दूरी की ट्रेनों को दर्शाता है लेकिन ऐसा तब होता जब रेल का पहला डिजीट 1 से शुरू होता है।
3 - यह कोलकाता सब अर्बन रेल से बारे में बताता है। यह रेल बस कोलकाता या उसके आसपास के इलाकों में बस चलती है। और पुरे भारत में ये नंबर कहीं नहीं मिलता।
4 - 4 नंबर जिस रेल में शुरू होता वो पुरे देश में और कहीं नहीं बस चेन्नई, नई दिल्ली, सिकंदराबाद या अन्य मेट्रोपोलिटन शहर में चलता है। जैसे दिल्ली के मेट्रो ट्रेन का 4NXPX है।
5 - 5 नंबर से शुरू होने वाली रेल पसैंजर ट्रेन होती है। इसमें कन्वेंशनल कोच लगे रहते हैं, इसमें कोई विशेष सुविधा नहीं रहती।
6 - यह एक प्रकार का मेमू ट्रेन होता है। यह कम दुरी वाले दो शहरों के बीच चलता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोज शहर आने जाने के लिए भी है।
7 - इस नंबर से शुरू होने वाली रेल डीएमयू और रेल सर्विस के लिए होती है। इसके आगे पीछे और बीच में डीजल या इलेक्ट्रॉनिक वाले कई इंजन लगे होते हैं।
8 - 8 से शुरू होने वाली रेल पुरी तरह आरक्षित सुपर फास्ट ट्रेन है। जो बहुत कम स्टेशन पर रुकती है।
9 - यह 3 और 4 के तरह ही मेट्रोपोलिटन शहर में चलता है। यह मुंबई के अंदर चलने वाला रेल है।
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