हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख मास साल का दूसरा महीना होता है। वैशाख मास का वैसे ही जैसे सारे युग में सतयुग, सारे शास्त्र में वेद और सारे तीर्थ में गंगा जी। उसी तरह साल के सारे मास में वैशाख मास का महत्व है।
यह मास धार्मिक कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। जैसे दानों में अभयदान, शुद्धियों में आत्म शुद्धि, मनुष्य में ब्राह्मण, स्त्रियों में माता पार्वती, पुण्य में परोपकार, वृक्ष में कल्पवृक्ष, गायों में कामधेनु, ध्यानों में आत्मचिंतन, देवताओं में विष्णु,प्रिय वस्तु में प्राण, अस्त्र-शस्त्र में चक्र, आभुषणों में सोना को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है उसी तरह मासों में वैशाख मास सबसे श्रेष्ठ है।
इस बार वैशाख मास 01 मई से 30 मई तक रहेगा। इस मास में सूर्योदय से पहले किसी नदी या तालाब में स्नान कर तुलसी को जल अर्पित करने का बहुत बड़ा महत्व है। भगवान विष्णु को इस पुरे मास जो तुलसी अर्पण कर पूजा करता है उसे कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
वैशाख मास में सबसे बड़ा दान जलदान माना जाता है। आप इस तपती धूप में किसी को पानी पिलाते इससे बड़ा दान क्या होगा। इस मास में खरबूजा, तरबूज, छाता, पंखा, चप्पल, ककड़ी,सत्तु ये सब दान करना चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा इस माह अवश्य करना चाहिए। क्योंकि भगवान विष्णु का अवतार इसी महीने माना जाता है। उनके नाम का जाप करें।
इस माह के विशेष दिन-
सबसे पहले वरुथिनी एकादशी जो कृष्ण पक्ष का एकादशी है। उसके बाद वैशाख अमावस्या जो तर्पण और स्नान दान के लिए शुभ है। अक्षय तृतीया मास का सबसे उत्तम दिन जब भगवान विष्णु खुद प्रकट हुए थे।इस दिन भगवान परशुराम का अवतार हुआ था। सीता नवमी जब सीता माता धरती से निकले थे।मोहनी एकादशी भगवान विष्णु का प्रिय दिन। वैशाख पूर्णिमा जिसको बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं।
यह मास धार्मिक कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। जैसे दानों में अभयदान, शुद्धियों में आत्म शुद्धि, मनुष्य में ब्राह्मण, स्त्रियों में माता पार्वती, पुण्य में परोपकार, वृक्ष में कल्पवृक्ष, गायों में कामधेनु, ध्यानों में आत्मचिंतन, देवताओं में विष्णु,प्रिय वस्तु में प्राण, अस्त्र-शस्त्र में चक्र, आभुषणों में सोना को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है उसी तरह मासों में वैशाख मास सबसे श्रेष्ठ है।
इस बार वैशाख मास 01 मई से 30 मई तक रहेगा। इस मास में सूर्योदय से पहले किसी नदी या तालाब में स्नान कर तुलसी को जल अर्पित करने का बहुत बड़ा महत्व है। भगवान विष्णु को इस पुरे मास जो तुलसी अर्पण कर पूजा करता है उसे कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
वैशाख मास में सबसे बड़ा दान जलदान माना जाता है। आप इस तपती धूप में किसी को पानी पिलाते इससे बड़ा दान क्या होगा। इस मास में खरबूजा, तरबूज, छाता, पंखा, चप्पल, ककड़ी,सत्तु ये सब दान करना चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा इस माह अवश्य करना चाहिए। क्योंकि भगवान विष्णु का अवतार इसी महीने माना जाता है। उनके नाम का जाप करें।
इस माह के विशेष दिन-
सबसे पहले वरुथिनी एकादशी जो कृष्ण पक्ष का एकादशी है। उसके बाद वैशाख अमावस्या जो तर्पण और स्नान दान के लिए शुभ है। अक्षय तृतीया मास का सबसे उत्तम दिन जब भगवान विष्णु खुद प्रकट हुए थे।इस दिन भगवान परशुराम का अवतार हुआ था। सीता नवमी जब सीता माता धरती से निकले थे।मोहनी एकादशी भगवान विष्णु का प्रिय दिन। वैशाख पूर्णिमा जिसको बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं।
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