कुंभ मेला जा रहे हैं तो इन जगहों पर भी अवश्य घुमें

     14/15 जनवरी से कुंभ मेला शुरू हो गया है। कुंभ स्नान के बाद उसके आसपास के सुंदर जगह भी अवश्य घुमने जाएं। प्रयागराज को तीर्थराज भी कहते हैं। वैसे तो यहां बहुत से छोटे- बड़े तीर्थ स्थल है लेकिन कुछ विशेष जगह है जहां आप जा सकते हैं।संगम नगरी है जिस कारण यहां बहुत ऐतिहासिक किले और मंदिर है ,आइए कुछ मुख्य जगहों के बारे में जानें...






   1. लेटे हनुमान जी

     प्रयागराज संगम के किनारे हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है जिसमें हनुमान जी लेटे हुए हैं। कहा जाता है कि हर साल बारिश में गंगा नदी का जल किनारों को पार करते हुए इस मंदिर तक आता है और हनुमान जी की चरण स्पर्श कर लौट जाता है।यहां‌ से बाढ़ का पानी बढ़ने नहीं देता है।

   2. अक्षय वट

     प्रयागराज स्थित अकबर के किले में अक्षय वट वृक्ष है।मान जाता है कि गंगा,यम यमुना और सरस्वती के संगम की वजह से इस अक्षय वट की उत्पत्ति हुई।ये पेड़ कभी विनाश नहीं हुआ है।भगवान राम,लक्ष्मण और सीता जी भी वनवास के समय भारतद्वाज मुनि के आश्रम से अक्षय वट का दर्शन करने आए थे। कहा जाता है कि इसके दर्शन करने के बाद संगम स्नान‌ से सभी संकल्प पुरे होते हैं।अब तो सुरक्षा कारणों से पेड़ देखना मना है लेकिन डाली दिखा दिया जाता है, क्योंकि अब यहां सेना का छावनी बना दिया गया है।

   3.अकबर का किला

   प्रयागराज संगम तट से ही एक लाल किले जैसा किला दिखता है।यह अकबर का किक़ि है।जिसकी नींव 1583 में मुगल बादशाह अकबर ने रखी थी। इतिहास के अनुसार यह 983 बीघा जमीन पर बना हुआ है।अब तो कुछ हिस्सा टुट गया।उस समय इसे बनाने में लगभग 6 करोड़ के आसपास खर्च हुए थे। बनने में 45 साल लग गया था।

   4 .शंकर विमान मंडपम् 

   अकबर के किले के पास दक्षिण भारतीय पद्धति से बना एक शंकर विमान मंडपम् है जो 130 फूट ऊंचा है। किंवदंती है कि आदि गुरु शंकराचार्य से प्रसिद्ध न दर्शनशास्त्री कुमारिल भट्ट की मुलाकात यहीं हुई थी।इस भेंट को अमर करने के लिए ये मंदिर बनाया गया।

  5. अशोक स्तंभ

   अकबर के किले के मुख्य दरवाजे के सामने सम्राट अशोक का प्रसिद्ध स्तंभ है जिस पर अशोक के समय की राजाज्ञाएं लिखवाई गई है।यह 35 फुट लंबा पत्थर का स्तंभ है। नीचे इसकी गोलाई 3 फुटहै और ऊपर 2 फुट 2 इंच।‌ अभीलेखो से पता चलता है कि इसे ईसा पूर्व 232 में सम्राट अशोक की आज्ञा से इसे कौशांबी में बनाया गया था।और यहां 1838 में लगवाया गया।

   6. मनकामेश्वर मंदिर

  किला के पश्चिम यमुना तट पर मिन्टो पार्क के बगल में यह मंदिर है। यहां काले पत्थर की भगवान शिव का एक लिंग और गणेश जी और नंदी की मूर्ति है। यहां हनुमान जी की भी एक बड़ी मुर्ति है और मंदिर के बगल एक पुराना पीपल का पेड़ है।कह क जाता है कि इस मंदिर में मांगी हर मुराद पूरी होती है।

 7. अखिलेश्वर महादेव

  चिन्मय मिशन के अधीन प्रयागराज में रसुलाबाद घाट के निकट 500 sqft क्षेत्र में श्री अखिलेश्वर महादेव मंदिर फैला हुआ है। इसमें राजस्थान से गुलाबी पत्थर मंगा कर कटाई की जा रही है और श्री अखिलेश्वर महादेव ध्यान मंडपम् को आकार देने के लिए लगाया जा रहा है।
  

   8. पातालपुरी मंदिर

   अकबर के किले में एक पातालपुरी मंदिर है।यह बहुत पुराना है। इसमें सीढ़ियों से नीचे उतर कर जाते हैं। इसमें गणेश जी, नरसिंह भगवान,शिवलिंग और गोरखनाथ समेत कई दिव्य मुर्तियां है।1906 तक इस मंदिर में अंधेरा रहता था लेकिन बाद में खिड्कीयां बना कर और बिजली से भी लाइट पहुंचाया गया।

    9. चंद्रशेखर आजाद स्मारक

   सिविल लाइंस स्थित अल्फ्रेड पार्क में 27 फरवरी 1931 को मशहूर क्रांतिकारी अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद ब्रिटिश पुलिस के साथ हुए संघर्ष में शहिद हुए थे। आजादी के बाद से पार्क का नाम मोती लाल नेहरू रख दिया गया और जिस जगह आजाद शहिद हुए उस जगह उनका स्मारक बनाया गया।













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