सावन ‌‌‌में हरा‌ हरा‌ क्युं पहना जाता है

     सावन शुरू होते ही महिलाओं में हरे रंग का प्रयोग बढ़ जाता है। हरी साड़ी, हरी चुड़ियां, हरी बिंदी, हरी नेल पॉलिश सब कुछ हरा हरा, मेंहदी भी खुब रचाई जाती है ।ये सब सुहाग की निशानी है जिस कारण सभी अपने आप को हरा रंग में रंग डालती है। क्या आपने कभी सोचा है कि सावन में हरा ही क्यों पहना जाता हैं???....

      इसका कारण यह है कि सावन में हरियाली बहुत होती। हमारा नेचर भी हरा भरा होता है। बारिश का मौसम सावन में पुरे यौवन पर रहता, जी हर सुखी बेजान चीजों में भी घास के दो तिनके उगा ही देता। मतलब हर बेजान चीजों में कुछ जान आ जाती है। कहीं नयी बेल, तो कहीं नयी घास उग ही जाते..

    जिससे एक उमंग एक उल्लास का बोध होता है। वैसे भी हरा रंग एक उल्लास का प्रतीक है। मन को आनंदित रखता है। सावन में महिलाएं विशेष कर भगवान शिव का पूजन करती है, वहां भी भांग, धतुरा सब हरा हरा... (तो महिलाओं में मैंचिंग सब कुछ का बहुत पहले से है कि सब कुछ मैंचिंग होना चाहिए 😁😁😁😁... तो यहां तो हरा रंग पहनना बनता है...just joke)

        प्रकृति के निर्माण करने वाले महादेव को हरा रंग पसंद है। इसलिए महिलाएं हरा पहन कर भगवान को प्रसन्न करना चाहती है। इससे शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त  कर अपने पति की लंबी आयु का वरदान मांगती है।

     ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरा रंग बुध ग्रह का प्रतीक है। इससे बुध ग्रह मजबूत होता है और संतान सुख मिलता है। बुध ग्रह के प्रभाव से बुद्धि और समृद्धि भी मिलती है। इसलिए सावन में हरा रंग पहनना चाहिए।

Post a Comment

0 Comments